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लक्ष्य से 38 फीसदी कम हुई यूरिया की आपूर्ति

अनियमितता : उर्वरक के अभाव में रबी की पैदावार कुप्रभावित होने का संकट गहराया सीवान : जरूरत के अनुसार यूरिया की आपूर्ति न होने से रबी की फसल पर संकट की स्थिति है. रबी की खेती इस बार उर्वरक की मांग के अनुसार जिले में आपूर्ति न होने से प्रभावित होने का संकट गहरा गया […]

अनियमितता : उर्वरक के अभाव में रबी की पैदावार कुप्रभावित होने का संकट गहराया
सीवान : जरूरत के अनुसार यूरिया की आपूर्ति न होने से रबी की फसल पर संकट की स्थिति है. रबी की खेती इस बार उर्वरक की मांग के अनुसार जिले में आपूर्ति न होने से प्रभावित होने का संकट गहरा गया है. किसानों में यूरिया के लिए हाहाकार मचा हुआ है. जिसका लाभ बिचौलिये उठाने में लगे हैं. किसानों में सबसे अधिक आक्रोश अब तक अधिकांश पैक्स केंद्रों पर उर्वरक की आपूर्ति न होने से है.
रबी के मौसम में जिले में गेहूं की सबसे अधिक खेती होती है. किसानों के लिए गेहूं के मुख्य फसल होने के चलते उसके उपज से ही उन्हें सबसे अधिक उम्मीद रहती है. इसके बाद भी सरकारी एजेंसियों द्वारा मांग के अनुसार यूरिया की जिले को आपूर्ति न किये जाने से किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है.
अब तक 62 फीसदी हुई है आपूर्ति : गेहूं के फसल की सिंचाई के साथ ही उर्वरक के रूप में यूरिया की सबसे अधिक जरूरत पड़ती है. ऐसे में इफ्को व कृभको को द्वारा जिले को यूरिया की सप्लाइ की जाती है. जिसके लिए प्रत्येक माह का लक्ष्य तय है. विभागीय दावा के मुताबिक अब तक 14772 मीटरिक टन यूरिया की जिले में आपूर्ति हुई है.
यह लक्ष्य के सापेक्ष 62 फीसदी है.खास बात है कि नवंबर में यूरिया की सबसे अधिक जरूरत महसूस की जाती है, लेकिन इस माह में 5830 मीटरिक टन के सापेक्ष 3120 मीटरिक टन ही यूरिया जिले को मिला. इसके अलावा अक्टूबर माह में 4418 मीटरिक टन के सापेक्ष 2825 मीटरिक टन,दिसंबर माह में 6095 मीटरिक टन के सापेक्ष 5727 मीटरिक टन,जनवरी माह मे 4770 मीटरिक टन के सापेक्ष 3100 मीटरिक टन यूरिया की आपूर्ति हुई. फरवरी माह में 2650मीटरिक टन की मांग है. जिसके सापेक्ष अब तक कोई आपूर्ति नहीं आयी है.
जिले में एक लाख दो हजार हेक्टेयर में हुई है बोआई : गेहूं की जिले में लक्ष्य के अनुरूप एक लाख दो हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोआई हुई है. ऐसे में बेहतर उपज के लिए फसल की समय से सिंचाई के साथ ही यूरिया व अन्य उर्वरक की भी जरूरत है.हाल यह है कि अब तक मांग के अनुसार उर्वरक उपलब्ध न होने से किसानों को अभी से ही पैदावार प्रभावित होने की चिंता सताने लगी है.
यूपी से अवैध रूप से आ रहा है यूरिया : जिले में यूरिया के संकट ने किसानों को अवैध रूप से यूपी के समीपवर्ती जिले देवरिया से यूरिया लाने को मजबूर किया है.विशेष कर देवरिया से सटे गुठनी,मैरवा,नौतन समेत अन्य कई प्रखंडों में सर्वाधिक यूपी से उर्वरक आ रहा है.अवैध रूप से यूरिया मंगाने के चलते किसानों को कार्रवाई की भी चिंता सता रही है.दूसरी तरफ राजस्व का भी शासन को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
ज्यादातर पैक्सोंे पर अब तक नहीं पहुंचा यूरिया : जिले में प्रत्येक पंचायत के पैक्स व प्रखंड मुख्यालय पर मौजूद व्यापार मंडल को सरकारी एजेंसी द्वारा उर्वरक की आपूर्ति की जाती है.जबकि शेष कंपनियों द्वारा मांग के हिसाब से थोक विक्रेताओं को आपूर्ति होती है.जहां से रिटेलर तक यह उर्वरक पहुंचता है.किसानों की शिकायत है कि अब तक अधिकांश पैक्स के केंद्रों पर यूरिया की आपूर्ति नहीं हो सकी है.मौजूदा सत्र में प्रत्येक पैक्स को 5 टन तथा व्यापार मंडल को 10 टन उर्वरक देने का लक्ष्य तय था.लेकिन अब तक अधिकांश केंद्रों में आपूर्ति न होने से किसानों में आक्रोश व्याप्त है.
जिले को जल्द मिलेगा एक हजार मीटरिक टन यूरिया : जिले में उर्वरक के संकट को देखते हुए अगले तीन दिनों के अंदर एक हजार मीटरिक टन यूरिया उपलब्ध हो जायेगी.जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने बताया कि फरवरी के निर्धारित लक्ष्य के अनुसार ही यूरिया की आपूर्ति होनी है.जिससे संकट से किसानों को काफी हद तक राहत मिलेगी.

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