सीवान : जिले के किसानों की नींद हराम हो गयी है. धान की फसल को सूखते देख किसानों के चेहरे पर शिकन साफ देखी जा सकती है. सोते–जागते किसानों की नजर आसमान की तरफ इस आस के साथ जाती है कि कब बारिश हो व हमारी फसल बच जाये. इधर किसानों को राहत देने के लिए सरकार की तरफ से डीजल अनुदान की राशि जिलों को आवंटित कर दे गयी है.
प्रथम चरण की किस्त के रूप में जिले को दो करोड़ 68 लाख 87 हजार रुपये की राशि आवंटित हुई है, जिसके आधार पर कृषि विभाग ने 92 लाख 76 हजार रुपये की राशि की निकासी कर सभी प्रखंडों को आवंटित कर दी है. सबसे ज्यादा आवंटन बड़हरिया प्रखंड को 27 लाख 72 हजार किया गया है, जबकि सबसे कम मैरवा प्रखंड को सात लाख 34 हजार किया गया है.
क्या है जिले में धान की खेती की स्थिति : जिले में 98 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य रखा गया था. परंतु अच्छी बारिश नहीं होने के कारण अभी तक मात्र 60 प्रतिशत से ज्यादा खेतों में ही धान की रोपनी हो पायी है. ये रोपनी भी किसानों ने पंप सेट चला कर की है. परंतु लगातार डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी के कारण व पंप सेट मालिकों द्वारा 150 से 200 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से पानी चलाने के कारण छोटे स्तर के किसान इससे जहां हतोत्साहित हुए हैं, वहीं बड़े किसान भी जरूरत के हिसाब से ही धान की रोपनी कर रहे है.
जिस कारण से लक्ष्य प्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है. वहीं इंद्रदेवकी नाराजगी के कारण इस बार सामान्य से 70 प्रतिशत कम बारिश हुई है. गौर करने वाली बात यह है कि सरकार द्वारा गांव–गांव में सिंचाई के लिए जिस नहर की व्यवस्था की, उससे मात्र 10 प्रतिशत खेतों में ही पानी पहुंच पाता है. इधर सरकार के द्वारा अनुदान के रूप में प्रति लीटर 25 रुपये की राशि किसानों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है.
* कैसे प्राप्त होता है अनुदान : सरकार के द्वारा किसानों को एक एकड़ खेती के लिये 10 लीटर के हिसाब से 250 रुपये अनुदान देने की व्यवस्था की गयी है, जिसके हिसाब से एक किसान को 1250 रुपये अनुदान की राशि दी जायेगी. जिसमें उसको बिचड़े की सिंचाई के लिए 500 व धान की फसल की सिंचाई के लिये 750 रुपये शामिल हैं. इसके लिये किसानों को प्रपत्र भर कर पेट्रोल पंप से ली गयी रसीद को चिपका कर अपने आस–पास के दो किसानों से हस्ताक्षर करा कर प्रखंड कृषि पदाधिकारी, पंचायत सचिव या किसान सलाहकार के पास जमा करना होता है.
जिसके बाद प्राप्त आवेदन के हिसाब से गणना कर बीडीओ द्वारा राशि का निर्धारण किया जाता है. तत्पश्चात सुविधानुसार कैंप लगा कर उक्त अनुदान राशि का वितरण किया जाता है. वहीं अब तक किसानों द्वारा अनुदान प्रपत्र जमा करने की रफ्तार काफी धीमी है.
* डीजल अनुदान केरूप में जिले को प्राप्त हुई दो करोड़ 68 लाख रुपये की प्रथम किस्त
* बारिश नहीं होने से किसानों की नींद हराम
* सामान्य से 70 प्रतिशत कम बारिश हुई
* अनुदान के लिए आवेदन देने की रफ्तार काफी धीमी
* सबसे ज्यादा राशि बड़हरिया व सबसे कम राशि मैरवा प्रखंड को आवंटित