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सात माह बीत गये, पर पुलिस ने दाखिल नहीं किया आरोपपत्र

सीवान : फोटो वायरल मामले में सात माह बाद भी आरोप पत्र पुलिस द्वारा गठित नहीं किया जा सका है. इसके चलते कोर्ट द्वारा आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही है. मालूम हो कि तत्कालीन मंडल काराधीक्षक विद्यु भारद्वाज ने शहाबुद्दीन के खिलाफ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल करने के मामले में मुफस्सिल थाना […]

सीवान : फोटो वायरल मामले में सात माह बाद भी आरोप पत्र पुलिस द्वारा गठित नहीं किया जा सका है. इसके चलते कोर्ट द्वारा आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही है. मालूम हो कि तत्कालीन मंडल काराधीक्षक विद्यु भारद्वाज ने शहाबुद्दीन के खिलाफ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल करने के मामले में मुफस्सिल थाना कांड संख्या 20/17 दर्ज कराया था. जिला पदाधिकारी महेंद्र कुमार द्वारा गठित टीम के जांच के आधार पर मंडल काराधीक्षक को प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था.

जांच तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी भूपेंद्र यादव व आरक्षी उपाधीक्षक विजय कुमार को सौंपा था. दोनों पदाधिकारियों ने जांच कर डीएम का अपना प्रतिवेदन दिया था. सीवान मुफस्सिल थाना में 66 (सी) आइटी एक्ट व 52 प्रिजनर्स एक्ट के अंतर्गत दर्ज कर सुबोध कुमार सिंह को जांच करने का भार सौंपा था. सुबोध कुमार सिंह के गोपालगंज स्थानांतरित किये जाने के बाद किसी अन्य पदाधिकारी को जांच की जिम्मेदारी दी जाने की सूचना है. इस मामले में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को रिमांड करने के लिये उनके अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया था.
कोर्ट के आदेश पर 7 फरवरी 2017 को शहाबुद्दीन की पेशी सीजेएम अरविंद सिंह के समक्ष हुयी थी. तथा जमानत आवेदन पर भी सुनवाई की गयी थी. कोर्ट ने शहाबुद्दीन को जमानत दे दी थी.
प्राथमिकी दर्ज हुए सात माह बीत जाने के बाद भी सीजेएम कोर्ट में अनुसंधानकर्ता द्वारा अभी तक आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है, जिससे कार्रवाई बाधित हो रही है.
मामला सोशल मीडिया में जेल से शहाबुद्दीन की फोटो वायरल होने का
इस मामले में पूर्व सांसद को मिल चुकी है जमानत

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