राजेंद्र भवन में पुस्तक मेला में चौथे दिन भी उमड़ी लोगों की भीड़
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हर वर्ग के पाठकों को लुभा रहीं पुस्तकें
राजेंद्र भवन में पुस्तक मेला में चौथे दिन भी उमड़ी लोगों की भीड़ 27 मार्च तक रहेगा मेला सीतामढ़ी : नगर के राजेंद्र भवन में आयोजित पुस्तक मेला में हर वर्ग के पाठकों को विभिन्न प्रकाशकों की पुस्तकें लुभा रही हैं. मंगलवार को चौथे दिन भी पाठकों की भीड़ उमड़ी रही. इनमें युवाओं और बच्चों […]
27 मार्च तक रहेगा मेला
सीतामढ़ी : नगर के राजेंद्र भवन में आयोजित पुस्तक मेला में हर वर्ग के पाठकों को विभिन्न प्रकाशकों की पुस्तकें लुभा रही हैं. मंगलवार को चौथे दिन भी पाठकों की भीड़ उमड़ी रही.
इनमें युवाओं और बच्चों की भी अच्छी खासी संख्या है. पदाधिकारी से लेकर रिटायर्ड अधिकारी व कर्मचारी तक पुस्तक मेला में लगे अलग-अलग स्टॉल पर पुस्तक का अवलोकन कर रहे हैं. मेले में वैसे तो विभिन्न लब्ध प्रतिष्ठित लेखकों की एक से बढ़ कर एक पुस्तकें उपलब्ध हैं, लेकिन प्रतिष्ठित प्रकाशन समूहों की अन्य पुस्तकें भी पाठकों की पसंद बन रही है.
इनमें जाने-माने पत्रकार व साहित्यकार विकास कुमार झा की ‘वर्षावन की रूपकथा’, ‘मैकलुस्कीगंज’, प्रख्यात साहित्यकार आशा प्रभात की ‘साहिर समग्र’, रवीश कुमार की ‘इश्क में शहर होना’, गिरींद्र नाथ झा की ‘इश्क में मिट्टी सोना’, विनीत कुमार की ‘इश्क कोई न्यूज नहीं’, क्षितिज रॉय की ‘गंदी बात’, शशिकांत मिश्र की ‘नॉन रेजिडेंट बिहारी’, भीष्म साहनी की ‘चीलें’, दूधनाथ सिंह की ‘आखिरी कलाम’, खुशवंत सिंह की ‘सच प्यार और थोड़ी शरारत’, ‘पाकिस्तान मेल’, कुलदीप नैयर की ‘एक जिंदगी काफी नहीं’, नामवर सिंह की ‘दूसरी परंपरा की खोज’, फणीश्वर नाथ रेणु की ‘मैला आंचल’ व प्रतिनिधि कहानियां, नागार्जुन की ‘रतिनाथ की चाची’, ‘बलचनमा’, गिरिराज किशोर की ‘बा’, ‘जुगलबंदी’, गीतकार गीतेश की ‘हंसी अप गम डाउन’ आदि पुस्तकें शामिल हैं. राजकमल प्रकाशन के रामजी मंडल एवं अंजनी कुमार ने बताया कि पुस्तकों के प्रति पाठकों का स्नेह देखते बन रहा है. इनमें कुछ पुस्तकें तो दूसरे दिन हीं स्टॉल से बिक गयी.
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