मृतक के आश्रितों को नहीं मिलता मुआवजा
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ठंड से लोगों की हो रही मौत प्रशासन है कि मानता नहीं
मृतक के आश्रितों को नहीं मिलता मुआवजा सीतामढ़ी : एक सप्ताह से अधिक समय से सीतामढ़ी जिला शीतलहर की चपेट में है. गांव से लेकर शहर तक सर्दी का सितम जारी है. जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है. ठंड के चलते लोग घरों में दूबके है. रोगों का कहर भी जारी है. ठंड का सर्वाधिक असर […]
सीतामढ़ी : एक सप्ताह से अधिक समय से सीतामढ़ी जिला शीतलहर की चपेट में है. गांव से लेकर शहर तक सर्दी का सितम जारी है. जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है. ठंड के चलते लोग घरों में दूबके है. रोगों का कहर भी जारी है. ठंड का सर्वाधिक असर कामगार मजदूर, फुटपाथी दुकानदार व गरीबों पर दिख रहा है, जो दो जून की रोटी के लिए ठंड में सिहरते हुए भी काम की तलाश में निकल रहे है.
ठंड के इस मौसम में काम तो नहीं मिल रहा है, लोग ठंड के चलते काल के गाल में जरूर समा रहे है. जिले में पिछले चार दिनों में एक महिला व एक मासूम समेत सात लोगों की मौत ठंड से हुई है.
हैरत की बात यह कि प्रशासन अब तक हुई मौतों को ठंड से मौत मानने को तैयार नहीं है. जिला आपदा विभाग सीओ की रिपोर्ट पर ही मौत को ठंड से मौत बताने की बात कह रहा है. जबकि अधिकांश सीओ मौत के बाद शव के पोस्टमार्टम कराये जाने व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ठंड से मौत होने की पुष्टि के बाद ही प्रावधान के तहत मुआवजा देने की बात कह रहा है. ठंड से मौत के बाद बतौर मुआवजा कितनी राशि परिजनों को दी जानी है, इस बाबत सरकार की ओर से आपदा प्रबंधन विभाग को कोई आदेश-निर्देश नहीं प्राप्त है.
सरकारी प्रावधान डाल रहा मुआवजे में व्यवधान :ठंड से मौत के मामले में जो प्रावधान है वह मुआवजे की राह में व्यवधान डाल रहा है. अब तक इलाके में सात लोगों की मौत हो चूकी है, लेकिन किसी को भी मुआवजे का लाभ नहीं मिल पाया है. वजह अधिकांश लोगों ने मौत के बाद बगैर प्रशासन को सूचना दिए शव का अंतिम संस्कार कर दिया है. चुकी लोगों को ठंड से मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम कराने की बाध्यता की जानकारी नहीं है, लिहाजा लोगों को मुआवजे का लाभ मिलता नहीं दिख रहा है.
ठंड से निजात को सरकारी प्रावधान का पालन नहीं : जिले में ठंड का कहर जारी है. पूरा बिहार शीतलहर की चपेट में है. इसके मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी डीएम व आपदा प्रबंधन पदाधिकारियों को पत्र भेज कर अलाव व कंबल वितरण की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है. इसके आलोक में डीएम द्वारा सभी सीओ को अपने-अपने इलाकों में अलाव की व्यवस्था करने का आदेश दिया है. लेकिन अधिकांश सीओ फंड का रोना रो रहे है. लिहाजा गांव से लेकर शहर तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं हो सकी है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव के अनुसार शीतलहर को प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल किया गया है. इसके तहत वैसे क्षेत्र जहां का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस हो और तापमान में सात डिग्री सेल्सियम की कमी आए. विभागीय निर्देश के आलोक में तापमान शून्य डिग्री होने पर इसे उक्त क्षेत्र के लिए असामान्य स्थिति माना जाएगा.
फंड का अभाव : जिले के तमाम सीओ को अलाव की व्यवस्था का आदेश तो दिया गया है, लेकिन फंड नहीं मिला है. फंड के अभाव में किसी भी सीओ द्वारा अलाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. पुपरी सीओ लवकेश कुमार ने बताया कि उन्हें फंड नहीं मिला है, लिहाजा अलाव की व्यवस्था नहीं हो सकी है. अन्य सीओ ने भी कुछ इसी तरह अपने दर्द बयां किये.
कहते हैं अधिकारी : आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी अधिकारी चंदन चौहान के अनुसार अब तक जिले में ठंड से एक भी मौत नहीं हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग उन्हीं मौतों को ठंड से मौत मानेगी, जिसकी रिपोर्ट सीओ के स्तर से उन्हें भेजी जाएगी. सीओ द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर रिपोर्ट भेजी जाएगी. ठंड से मौत के लिए मुआवजे का प्रावधान है, लेकिन कितना है इस बाबत विभाग व सरकार की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है.
कहते हैं सीओ : सुप्पी सीओ रितेश वर्मा के अनुसार ठंड से मौत मामले में सरकारी स्तर पर मुआवजे का जो भी प्रावधान होगा पीड़ितों को मिलेगा. लेकिन इसका लाभ तभी मिलेगा जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो.
धूप निकलने के बाद भी ठंड से नहीं मिली राहत
अहले सुबह घने कोहरे की चादरों में लिपटा रहा इलाका
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