नोटबंदी. करेंसी एक्सचेंज की रफ्तार थमी, अधिकतर बैंक पुराने करेंसी करा रहे जमा
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बैंकों में भीड़ में कमी, एटीएम में है कतार
नोटबंदी. करेंसी एक्सचेंज की रफ्तार थमी, अधिकतर बैंक पुराने करेंसी करा रहे जमा शहर से लेकर गांव तक के कई एटीएम बंद नोटबंदी के चलते व्यापार बाधित सीतामढ़ी : हजार -पांच सौ के पुराने करेंसी पर लगाए गए प्रतिबंध के 15 दिन बाद स्थिति थोड़ी बदली है. अब बैंकों में करेंसी बदलने की होड़ व […]
शहर से लेकर गांव तक के कई एटीएम बंद
नोटबंदी के चलते व्यापार बाधित
सीतामढ़ी : हजार -पांच सौ के पुराने करेंसी पर लगाए गए प्रतिबंध के 15 दिन बाद स्थिति थोड़ी बदली है. अब बैंकों में करेंसी बदलने की होड़ व ग्राहकों की आपाधापी की तस्वीर बैंकों में उतनी नहीं दिख रहीं है जितनी एक सप्ताह पूर्व तक दिख रहीं थी.
हालांकि एटीएम से रुपये निकालने के लिए लंबी कतार व धक्का-मुक्की की तस्वीर अब भी बरकरार है. अधिकांश एटीएम के बंद रहने के कारण रुपये निकासी के लिए लोगों को परेशानी का अब भी सामना करना पड़ रहा है. उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में रुपयों के लिए अब भी हाहाकार मचा हुआ है. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक व सहकारिता बैंक में रुपयों का अभाव किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. जबकि नोटबंदी के 15 दिन बाद भी व्यवसाय पटरी पर नहीं लौट सका है. अब भी बाजारों में वीरानगी है.
कहीं एक्सचेंज तो कहीं हुए डिपाॅजिट: सीतामढ़ी शहर समेत मुख्यालय डुमरा के बैंकों में बुधवार को कुछ हद तक स्थिति सामान्य होती दिखी. कहीं बैंकों में आरबीआइ के गाइडलाइन के तहत करेंसी का एक्सचेंज किया गया तो कहीं केवल पुराने करेंसी डिपाजिट ही लिए गए. शहर स्थित इलाहाबाद बैंक ने आरबीआइ के गाइडलाइन के तहत लोगों के करेंसी का एक्सचेंज किया. मुख्यालय डुमरा स्थित एसबीआइ मुख्य शाखा में भी करेंसी एक्सचेंज व जमा- निकासी का काम जारी रहा.
बैंक आफ बड़ौदा में कैश की किल्लत के बीच एक्सचेंज व रुपयों की निकासी की व्यवस्था दिखी. आइसीआइसीआइ बैंक केनरा बैंक, बैंक आफ इंडिया, पीएनबी व सेंट्रल बैंक समेत अधिकांश बैंकों में करेंसी के एक्सचेंज के साथ जमा व निकासी की व्यवस्था रहीं.
अधिकांश एटीएम खराब, लोग बेहाल : बैंकों द्वारा नोटबंदी के बाद अब रुपयों की निकासी बड़ी परेशानी बन कर सामने आयी है. खास कर एटीएम से रुपये निकालने की राह आसान नहीं रह गयी है. एसबीआइ के अलावा आइसीआइसीआइ बैंक व यूनाइटेड बैंक के एटीएम के ही खुला रहने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जो एटीएम खुले है वहां अहले सुबह से देर शाम तक लोगों की कतार लग रहीं है. इस दौरान धक्का-मुक्की की तस्वीर भी सामने आ रहीं है. मुख्यालय डुमरा के शंकर चौक स्थित एटीएम से रात 11 बजे तक लोग कतार में लग कर रुपयों की निकासी कर रहे है. जबकि एटीएम खुलने के इंतजार में लोग चार बजे सुबह से ही कतार में लग जा रहे है.
ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी आपाधापी
नोटबंदी के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में रुपयों के लिए आपाधापी बरकरार है. ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों के कैशलेस होने के कारण लोग बेबस व लाचार होकर रह गये है. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोगों का खाता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक व सहकारिता बैंक में है. इसके अलावा लोग ग्राहक सेवा केंद्र के जरिये विभिन्न बैंकों से जुड़े है. लेकिन नोटबंदी के तीन दिन बाद ही ग्रामीण बैंक व सहकारिता बैंक कैशलेस हो गये है. जबकि ग्राहक सेवा केंद्र से भी रुपयों की निकासी बंद है. ऐसे में खेती व शादी-विवाह के इस मौसम में गरीबों के लिए नोटबंदी आफत साबित हो रहा है.
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