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पुलिस की सुस्ती के कारण शातिर सरोज को राहत

लापरवाही. यतींद्र हत्याकांड का आरोपित है बालबंदी पुलिस कोर्ट को नहीं दिखा सकी स्कूल की नामांकन पंजी सीतामढ़ी : दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष यतींद्र खेतान व अमरेश हत्याकांड समेत कई जघन्य मामलों के आरोप में जेल में बंद शातिर अपराधी सरोज राय को अब पुलिसिया सुस्ती के कारण जुबेनाइल का लाभ भी मिलने काे […]

लापरवाही. यतींद्र हत्याकांड का आरोपित है बालबंदी

पुलिस कोर्ट को नहीं दिखा सकी स्कूल की नामांकन पंजी
सीतामढ़ी : दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष यतींद्र खेतान व अमरेश हत्याकांड समेत कई जघन्य मामलों के आरोप में जेल में बंद शातिर अपराधी सरोज राय को अब पुलिसिया सुस्ती के कारण जुबेनाइल का लाभ भी मिलने काे है.
अधिवक्ता अमर मिश्रा के अनुसार यतींद्र हत्याकांड में भी सरोज को जुबेनाइल का लाभ मिलेगा. प्रभात पड़ताल में सरोज को जुबेनाइल का लाभ मिलने में पुलिसिया लापरवाही सामने आयी है. जिस कारण प्राथमिक शिक्षा आरंभ करने वाले स्कूल से सरोज के जन्मतिथि से संबंधित नामांकन पंजी गायब है.
वह भी गायब इस तरह से कि स्कूल प्रबंधन का सीधा आरोप है कि सरोज की जन्म की तिथि को लेकर पुलिस स्कूल के प्रधानाध्यापक राजनारायण राय को गिरफ्तार करने के साथ-साथ नामांकन पंजी से लेकर अन्य कई कागजात भी अपने साथ ले गयी थी. जबकि जब्ती सूची में नामांकन पंजी को नहीं दर्शाया गया है.
जुबेनाइल का लाभ मिलने से पुलिस चिंतित : नामांकन पंजी गायब होने की चर्चा हाल के दिनों में रून्नीसैदपुर थाना कांड संख्या-433‍/13 की सुनवाई के दौरान नामांकन पंजी प्रस्तुत नहीं करने पर न्यायालय द्वारा मेडिकल बोर्ड का गठन करने के बाद आया.
पुलिस के कान तब खड़े हुए मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर मामले में न्यायालय किशोर न्याय परिषद ने सरोज को उक्त कांड संख्या में जुबेनाइल घोषित कर दिया. न्यायालय के आदेश की भनक मिलने के बाद गोपनीय रूप से नामांकन पंजी को लेकर पुलिस के छोटे-बड़े सभी अधिकारी चिंतित हैं.
कैसे होता है जुबेनाइल घोषित
अधिवक्ता अमर मिश्रा का कहना है कि जन्मतिथि को लेकर न्यायिक प्रक्रिया में मैट्रिक के सर्टिफिकेट को प्राथमिकता दी जाती है. नन मैट्रिक वालों के प्राथमिक विद्यालय में नामांकन पंजी में दर्ज जन्मतिथि को वैध माना जाता है. दोनों के अभाव में मेडिकल बोर्ड का गठन कर उम्र निर्धारण किया जाता है.
कांड संख्या-433/13 में भी नामांकन पंजी न्यायालय में पेश नहीं करने पर सिविल सर्जन की अध्यक्षता में गठित मेडिकल बोर्ड के चिकित्सक डॉ शकिल अंजुम, डॉ सीबी प्रसाद, डॉ बी शर्मा व डॉ एस भारती ने गत 16 अगस्त 2016 को सरोज का उम्र निर्धारण 20 से 22 वर्ष किया है. किशोर न्याय नियमावली के प्रावधान 2012 की धारा के उपबंध 3 (बी) के अनुसार मेडिकल बोर्ड द्वारा निर्धारित उम्र सीमा में किशोर के हित में छह माह घटाने का प्रावधान है. जिसका लाभ सरोज को मिला है.
विभिन्न थानों में 29 मामले हैं दर्ज
सरोज पर जिले के विभिन्न थाना में हत्या, लूट व रंगदारी को लेकर कुल 29 मामले दर्ज है. यही कारण है कि अपराध की दुनिया में अब वह किसी परिचय का मोहताज नहीं रह गया है. जिले के व्यवसायी व संभ्रांत लोग उसके नाम से थड़-थड़ कांपते है. पुलिसिया लापरवाही के कारण अब सरोज नाम के खौफ को अपने सिर पर मंडराने के भय से व्यवसायी वर्ग में अभी से ही भय का माहौल बनने लगा है. कारण है कि जुबेनाइल घोषित होने के बाद सरोज पर दर्ज 29 में से 20 मामले अब जुबेनाइल कोर्ट में चलाये जायेंगे.
पुलिस से लेकर पब्लिक तक यही सोच रहे है कि यतींद्र हत्याकांड के बाद पूरे बिहार के कानून व्यवस्था को कठघरा में खड़ा करने वाले सरोज राय के जन्मतिथि को प्रमाणित करने वाले नामांकन पंजी को जमीन खा गया या आसमान? नामांकन पंजी को गायब करने में पुलिस या स्कूल प्रबंधन संलिप्त है ?
नहीं मिली थी पंजी
यतींद्र हत्याकांड के बाद स्कूल में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम के साथ मौजूद तत्कालीन रून्नीसैदपुर इंस्पेक्टर गोरख राम ने बताया कि पुलिस को वहां से काफी तलाश के बाद भी नामांकन पंजी नहीं मिली थी.
गोरख राम, तत्कालीन इंस्पेक्टर रून्नीसैदपुर

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