सीतामढ़ी : नगर का वार्ड नंबर-11 हर मामले में नगर का एक खास अंग है. वार्ड के अधिकतर हिस्से में शहर का मुख्य बाजार है, जहां कपड़ा व रेडिमेड व्यवसाय से लेकर सोना-चांदी, हार्डवेयर, ट्रांसपोर्ट व किराना का मुख्य व्यवसाय दशकों से चलता आ रहा है.
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जाम व बिजली संकट से जूझ रहे हैं वार्ड के लोग
सीतामढ़ी : नगर का वार्ड नंबर-11 हर मामले में नगर का एक खास अंग है. वार्ड के अधिकतर हिस्से में शहर का मुख्य बाजार है, जहां कपड़ा व रेडिमेड व्यवसाय से लेकर सोना-चांदी, हार्डवेयर, ट्रांसपोर्ट व किराना का मुख्य व्यवसाय दशकों से चलता आ रहा है. वार्ड की आबादी करीब 5 हजार तो वोटरों की […]
वार्ड की आबादी करीब 5 हजार तो वोटरों की संख्या करीब 2 हजार है. वार्ड में दक्षिणमुखी महावीर मंदिर, रानी सती मंदिर, शनि देव मंदिर, रतन चौक, ब्रह्म स्थान मोहल्ला, कोट बाजार, गोला रोड, पुरानी बाजार व बम पुलिस मोहल्ला आता है. वार्ड की ज्यादातर आबादी व्यवसायियों की है.
वार्ड में एक दलित मोहल्ला भी है, जहां के लोग मजदूरी कर अपने परिवार का गुजारा करते आ रहे हैं. वार्ड में एक भी सरकारी विद्यालय व स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. दो आंगनबाड़ी केंद्र है, जिसका संचालन ठीक से नहीं होता है. उक्त सभी स्थान शहर के लिए एक खास महत्व रखता है. वार्ड में अपवाद को छोड़ कर सभी सड़कें व गलियां पक्की कर दी गयी है.
नालियों का भी निर्माण करा दिया गया है. कुछ नालियों पर स्लैब नहीं डाला गया है. वार्ड पार्षद की सक्रियता से मोहल्लों में नियमित सड़कों की सफाई होती है. समय-समय पर नालियों की भी सफाई होती है. रौशनी के लिए वार्ड में करीब 8 सोलर लाईट लगाया गया है, जिसमें से दो-तीन को छोड़ सभी सोलर लाईटें बंद है. वार्ड में एक वेपर लाईट लगाया गया था. स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त सोलर लाईट को जलते हुए उन्होंने कभी नहीं देखा. यानी हजारों की लागत से लगाया गया वेपर लाईट कुछ दिन जलने के बाद से ही बंद है. लोगों ने बताया कि वार्ड की सबसे बड़ी समस्या प्रतिदिन लगने वाला जाम, जल निकासी व बिजली की है.
वार्ड सेगुजरने वाली नासी-नालों का अतिक्रमण कर लिया गया है, जिसके कारण वर्षों से जल निकासी की समस्या बनी हुई है. नासी के किनारे बसे लोग नासी का अतिक्रमण करने के साथ ही अपने घरों के शौचालयों को भी नासी से जोड़ दिया है. वार्ड पार्षद धनंजय कुमार ने बताया कि नासी के उद्धार के लिए करीब 26 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया था, लेकिन वह भी ठंढ़े बस्ते में डाल दिया गया है. वार्ड में बिजली का तार व पोल की स्थिति खतरनाक है. काफी कम उंचाई पर तार लटक रहा है, जिससे हर समय खतरा मंडराता रहता है.
बिजली का न आने का और न जाने का ठिकाना रहता है. शहर का महत्वपूर्ण भाग होने के बावजूद तार व पोल बेढ़ंगे तरीके से लगाया गया है. वार्ड पार्षद के अनुसार वार्ड के कई लोग नगर परिषद से नक्सा पास कराये बिना दो व तीन मंजिला भवन बना रहे हैं. बीपीएल की सूची में आने वाले करीब ढ़ाई सौ गरीबों को विभिन्न पेंशन योजनाओं का लाभ मिल रहा है. हालांकि अभी भी दर्जनों गरीबों को पेंशन समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. पेयजल की संकट यथावत है.
कई परिवारों को दूर-दूर के चापाकलों से पानी लाना पड़ता है. नालियों में जमा कचड़ा यह बताता है कि स्थानीय लोग गंदगी के प्रति कितना गंभीर है. कुल मिला कर वार्ड-11 अन्य वार्डों की अपेक्षा विकसित है, लेकिन अभी काफी कुछ करने की जरूरत है. यहां आजादी के 70 साल बाद भी नल से जल की आपूर्ति नहीं करायी गयी है.
लोगों ने िगनायीं समस्याएं, िकसी भी स्तर पर सुधार नहीं होने की कही बात
वार्ड में अन्य अन्य वार्डों जितनी समस्या तो नहीं है, लेकिन वार्ड को विकसित भी नहीं कहा जा सकता है. बड़ी समस्याओं में प्रतिदिन लगने वाले जाम के अलावा बिजली व जल निकासी की समस्या है. नासी-नाला को अतिक्रमण कर लिया गया है. कई लोग नासी-नाला में ही अपने शौचालय को कनेक्ट कर दिया है.
नासी-नाला का समाधान नहीं निकलने के कारण जल निकासी की समस्या बरकरार है. जल निकासी के अभाव में बरसारत के मौसम में लोगों को जलजमाव की समस्या का सामना करना पड़ता है. वार्ड में सड़कों व नालियों की सफाई की सफाई समय-समय पर होता है.
अभय प्रसाद
वार्ड में सबसे बड़ी समस्या बिजली, जल निकासी व प्रतिदिन लगने वाले जाम की है. बिजली विभाग द्वारा खतरनाक तरीके से जमीन से तीन-चार मीटर की उंचाई पर तार लटका दिया गया है, जिसको देखने से ही डर लगता है. बिजली आने-जाने का कोई समय-सीमा नहीं है. काम व सोने के समय बिजली गुल हो जाती है. मुश्किल से दो-चार घंटे ही बिजली मिलती है. वार्ड में पक्की सड़क व नाली है. साफ-सफाई भी समय-समय पर होती है. मच्छरों के प्रकोप से लोगों का सो पाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन नगर परिषद द्वारा फॉगिंग मशीन नहीं चलाया जाता है.
मनोज कुमार, स्थानीय निवासी
नासी-नाला का समाधान नहीं निकलने के कारण जल निकासी की समस्या बरकरार है. नासी-नाला का अतिक्रमण कर लिया गया है, जिसके कारण आने वाले समय में नासी-नाला का निशान भी मिट जाने की आशंका है. वार्ड में जगह-जगह गंदगियों का अंबार लगा रहता है. जिसको जहां मरजी, वहीं अपने घर का कचड़ा फेंक कर चला जाता है. वार्ड में बिजली की सबसे अधिक समस्या है. मुश्किल से तीन-चार घंटे ही बिजली रहती है, जिसके कारण लोगों को अपना व्यवसाय चलाने व सोने में परेशानी हो रही है.
गिरधारी प्रसाद, स्थानीय निवासी
वार्ड में अन्य तरह की परेशानी तो नहीं है. लेकिन जाम व बिजली की समस्या बरकरार है. शहर का व्यावसायिक हिस्सा होने के बावजूद नगर परिषद द्वारा आज तक एक पार्किंग तक का निर्माण नहीं कराया गया है, जिसके कारण बाजार में खरीददारी के लिए आने वाले लोग यत्र-तत्र अपने वाहनों की पार्किंग कर देते हैं. फलस्वरूप प्रतिदिन लोगों को जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ता है. वार्ड को जाम की समस्या से निजात दिलाने की जरूरत है. जल निकासी की समस्या का समाधान व बिजली व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की जरूरत हैं.
राजीव कुमार, स्थानीय निवासी
गंदगी के प्रति जागरूक होने की जरूरत
नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी तारकेश्वर प्रसाद ने बताया कि शहर का मुख्य हिस्सा होने के कारण अन्य वार्डों की अपेक्षा वार्ड-11 में समस्याएं कम है. अधिकांश सड़के व गलियां पक्की है. नाला का निर्माण कराया गया है. जल निकासी की समस्या से निजात दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. जहां तक गंदगी की बात है, तो इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. वार्ड को साफ-सुथरा व स्वच्छ रखने के लिए स्थानीय लोगों को साथ देना होगा. लोग अपने घरों का कचड़ा किसी डस्टवीन में संग्रह करें व नालियों में कचड़ा डालने के बजाय नगर परिषद की गाड़ी आने पर अपने घर का कचड़ा प्रतिदिन उसमें डाल दें. तभी वार्ड को साफ-सुथरा रखा जा सकता है.
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