छात्रवृत्ति घोटाला : सीतामढ़ी में निगरानी जांच शुरू
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नहीं मिले कागजात, केंद्र से बैरंग लौटी टीम
छात्रवृत्ति घोटाला : सीतामढ़ी में निगरानी जांच शुरू डुमरा (सीतामढ़ी) : सूबे के विभिन्न जिलों में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की लपटें सीतामढ़ी भी पहुंच गयी हैं. यहां भी इसकी जांच शुरू कर दी गयी है. निगरानी की टीम बुधवार से जांच में जुट गयी. जांच के सिलसिले में ही निगरानी इंस्पेक्टर विनयानंद पाठक बुधवार को […]
डुमरा (सीतामढ़ी) : सूबे के विभिन्न जिलों में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की लपटें सीतामढ़ी भी पहुंच गयी हैं. यहां भी इसकी जांच शुरू कर दी गयी है. निगरानी की टीम बुधवार से जांच में जुट गयी. जांच के सिलसिले में ही निगरानी इंस्पेक्टर विनयानंद पाठक बुधवार को शहर के दीपक स्टोर के पास मिनर्वा कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र पर पहुंचे. वहां मौजूद कर्मियों से जांच से संबंधित कागजात की मांग की. कर्मियों ने बताया कि कागजात
प्रधान कार्यालय, कोलकाता भेज दिये गये हैं. वहां से श्री पाठक बैरंग लौट आये. इसके बाद जिला कल्याण कार्यालय पहुंचे.
नहीं मिले कागजात
कर्मियों ने कागजात उपलब्ध कराने से यह कहते हुए असमर्थता जतायी कि अधिकारी डीएम की बैठक में गयी हैं. श्री पाठक ने बताया कि जांच शुरू कर दी गयी है. कोशिश होगी कि ससमय जांच की कार्रवाई पूरी कर ली जाये. सूबे के सात-आठ जिलों में छात्रवृत्ति वितरण में गड़बड़ी की जांच के लिए निगरानी एसपी के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया है. मामले की जांच मुख्य रूप से निगरानी के डीएसपी अजय कुमार शुक्ला कर रहे हैं. उनके सहयोग के लिए निगरानी इंस्पेक्टर विनयानंद पाठक को टीम में शामिल किया गया है.
एससी/एसटी छात्रों को छात्रवृत्ति का मामला. निगरानी एसपी ने पिछले दिनों जिला कल्याण पदाधिकारी को पत्र भेज वर्ष 2013-14 व इससे पूर्व राज्य के बाहर संस्थानों व कॉलेजों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्रों को दी गयी छात्रवृत्ति के बारे में जानकारी मांगी थी. टीम इसकी जांच करेगी कि छात्रवृत्ति मद में कितना आवंटन मिला था, कितना स्वीकृति दी गयी और कितने छात्रों को कितनी राशि मिली. छात्रों की संख्या, शैक्षिणक संस्थानों के नाम, छात्र का नाम व पूरा पता व छात्र के किस खाता में राशि भेजी गयी थी. फिलहाल वर्ष 2013-14 की जांच की जायेगी कि कितने एससी व एसटी छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया था. उसके बाद 2010-11, 11-12 व 12-13 में भुगतान की गयी छात्रवृत्ति की जांच होनी है.
आठ िजलों में जांच के लिए टीम का गठन
जिला कल्याण कार्यालय से मांगी गयी जानकारी
एस/एसटी छात्रों को दी गयी छात्रवृत्ति की होनी है जांच
महादलित छात्रों के कंप्यूटर प्रशिक्षण की भी होगी जांच
कंप्यूटर ट्रेनिंग की भी होगी जांच
बिहार महादलित विकास मिशन की ओर से दशरथ मांझी कौशल विकास योजना के तहत महादलित छात्र-छात्राओं को एमएस ऑफिस ट्रेड का प्रशिक्षण दिलाया गया था. प्रशिक्षण, परीक्षा व प्रमाण पत्र
उपलब्ध कराने के लिए दो एजेंसियों को जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. इनमें से एक एजेंसी को अध्ययन सामग्री उपलब्ध करानी थी. दोनों एजेंसियों ने भुगतान के लिए छात्रों की सूची जारी की थी. निगरानी टीम इसकी जांच करेगी कि सूची में किसी फर्जी प्रशिक्षणार्थी का नाम तो नहीं है. इस दौरान ट्रेनिंग सेंटरों का भौतिक सत्यापन, प्रशिक्षणार्थियों का बयान, भुगतान की गयी प्रोत्साहन राशि व स्टडी मटेरियल की जांच की जायेगी.
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