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पीएचसी में जीवन रक्षक दवाओं का घोर अभाव

पुपरी/सीतामढ़ी : जिला स्वास्थ्य समिति के लूंज-पूंज व्यवस्था के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुपरी जीवन रक्षक दवाओं की कमी का दंश झेलने को मजबूर है. रेफरल का दर्जा प्राप्त इस स्वास्थ्य केंद्र में लगभग छह महीने से सर्प दंश की दवा उपलब्ध नहीं है. जिसकी वजह से सर्पदंश के रोगियों को इलाज से महरूम रहना […]

पुपरी/सीतामढ़ी : जिला स्वास्थ्य समिति के लूंज-पूंज व्यवस्था के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुपरी जीवन रक्षक दवाओं की कमी का दंश झेलने को मजबूर है. रेफरल का दर्जा प्राप्त इस स्वास्थ्य केंद्र में लगभग छह महीने से सर्प दंश की दवा उपलब्ध नहीं है. जिसकी वजह से सर्पदंश के रोगियों को इलाज से महरूम रहना पडता है.

अनुमंडल मुख्यालय पुपरी में स्थित स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन एक से दो रोगी सर्प दंश से आक्रांत होते है, लेकिन उन्हें तब निराशा हाथ लगती है जब उपचार के बदले रेफरल पत्र थमा दिया जाता है. अनुमंडल के बोखड़ा, नानपुर, चोरौत, बाजपट्टी, सुरसंड प्रखंडों के अलावा समीपवर्ती जिले दरभंगा व मधुबनी के सर्प दंश से आक्रांत लोग जीवन बचाने की खातिर पुपरी स्वास्थ्य केंद्र का चक्कर लगाते है,लेकिन बिना उपचार के ही बैरंग उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ता है.
कई बार ऐसा भी देखा गया है सर्पदंश से अाक्रांत व्यक्ति सीतामढ़ी सदर अस्पताल ले जाने के क्रम में ही दम तोड़ देते है. इस तरह की कई घटनाओं के बाद भी विभागीय अधिकारियों के कानों तक जूं नहीं रेंगी है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुपरी के चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सुरेंद्र कुमार ने पूछने पर बताया कि सर्पदंश की दवा की आपूर्ति के दर्जनों पत्र जिला मुख्यालय को लिखा गया है. स्वास्थ्य समिति की बैठक में भी दवा की कमी का मुद्दा भी उठाया गया है,
लेकिन अभी तक दवा उपलब्ध नहीं कराया गया है.
रोगी कल्याण समिति शाकिर हुसैन, मदन मिश्र,अमरेंद्र पांडेय आदि ने बताया कि विगत कई महीने से जीवन रक्षक दवाओं की कमी का दंश क्षेत्र के गरीब रोगी भुगत रहें है फिर भी जिला प्रशासन गंभीर नहीं है. यही वजह है कि गरीबों का नि:शुल्क चिकित्सा व्यवस्था सरकारी अस्पतालों में मुहैया कराने का सरकारी घोषणा पर पानी फिरने लगा है.

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