नीरा पीना है, पर सार्वजनिक स्थल पर नहीं (पेज तीन के लिए) — ताड़ी बेचना व पीना दोनों प्रतिबंधित सीतामढ़ी . देशी, विदेशी व ताड़ी की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. वैसे नशा का सेवन करने वालों के लिए बीच का रास्ता निकल आया है. यानी वे नीरा का सेवन कर सकते हैं. वह भी सार्वजनिक स्थल पर नहीं करना है. बता दें सूर्योदय के पूर्व तार के पेड़ से निकले रस को नीरा कहते हैं. इस रस को सूर्योदय के बाद सार्वजनिक स्थलों पर पीना तो दूर बेचना भी प्रतिबंधित है. घनी आबादी में भी नीरा को नहीं पीना है. ब्रथेलाइजर से होगी जांच बिहार में शराब बंदी के बाद शराब के आदि कुछ लोग नेपाल के विभिन्न शहरों में जा कर शराब पी रहे हैं. नशा के आदि लोगों द्वारा इससे जल्दी छुटकारा पाना मुश्किल लग रहा है. यह बात अलग है कि सरकार ने नशा छुड़ाने के लिए सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र खोल रखा है. उत्पाद अधीक्षक भगवान राय बताते हैं कि नेपाल से शराब पी कर भारतीय क्षेत्र में लौटने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है. शंका होने पर ऐसे लोगों की जांच ब्रेथेलाइजर से की जायेगी. बिक्री की दे सकते हैं सूचना उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि विभाग के अधिकारी व कर्मी अवैध रूप से शराब व ताड़ी की बिक्री व पीने वालों पर नजर रखे हुए हैं. जगह-जगह छापामारी की जा रही है. वैसे शराब बिक्री की बाबत कोई भी व्यक्ति सूचना दे सकता है. उसके नाम को गोपनीय रखा जायेगा. नयी उत्पाद नीति लागू होते हीं जब्त की गयी विदेशी शराब को वीबरेजेज के डीपो में हीं रखा गया है. विभागीय आदेश मिलने के बाद उक्त शराब को लेकर कोई कार्रवाई की जायेगी. पांच वर्षों में प्राप्त राजस्व उत्पाद विभाग को देशी व विदेशी शराब की बिक्री से हर वर्ष करोड़ों रुपये की राजस्व की उगाही होती थी. वर्ष 11-12 में 32 करोड़ 68 लाख 90 हजार 952 रुपया राजस्व प्राप्त हुआ था. राजस्व बढ़ाने में जिले के शराबियों का विशेष योगदान रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक वर्ष के बाद यानी वर्ष 2012-13 में राजस्व बढ़ कर 59.87 करोड़ हो गया. राजस्व बढ़ने के साथ ही जिले में पियक्कड़ों की संख्या बढ़ी और शराब की बिक्री में काफी इजाफा हुआ. फलत: वर्ष 2013-14 में 60 करोड़ से बढ़ कर राजस्व 87.69 करोड़ पर पहुंच गया. हालांकि उसके बाद के वर्षों में राजस्व में कमी आती गयी. यानी वर्ष 14-15 में राजस्व घट कर 58.21 करोड़ पर आ गया. वर्ष 15-16 में तो हद हो गयी. यानी राजस्व बढ़ने या स्थिर रहने के बजाय घट गया. इस वर्ष राजस्व मात्र 55.9 करोड़ वसूला जा सका.
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नीरा पीना है, पर सार्वजनिक स्थल पर नहीं
नीरा पीना है, पर सार्वजनिक स्थल पर नहीं (पेज तीन के लिए) — ताड़ी बेचना व पीना दोनों प्रतिबंधित सीतामढ़ी . देशी, विदेशी व ताड़ी की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. वैसे नशा का सेवन करने वालों के लिए बीच का रास्ता निकल आया है. यानी वे नीरा का सेवन कर […]
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