बिहार में 2010 में पोलियो का आखिरी केस मिला
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पोलियो से मुक्ति मिलने में मिली सफलता
बिहार में 2010 में पोलियो का आखिरी केस मिला सीतामढ़ी : नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के शुभारंभ के बारे में जानकारी देते हुए डीआइओ डॉ केडी पूर्वे व अपर क्षेत्रीय कार्यालय निदेशक डॉ अनिरुद्ध कुमार ने गुरुवार को सदर अस्पताल के सीएस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि देश ने पोलियो से मुक्ति पाने […]
सीतामढ़ी : नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के शुभारंभ के बारे में जानकारी देते हुए डीआइओ डॉ केडी पूर्वे व अपर क्षेत्रीय कार्यालय निदेशक डॉ अनिरुद्ध कुमार ने गुरुवार को सदर अस्पताल के सीएस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि देश ने पोलियो से मुक्ति पाने में अहम सफलता हासिल की है.
बिहार में आखिरी पोलियो का केस 2010 में पाया गया था. भारत को पोलियो मुक्त घोषित किये जाने के बावजूद पड़ोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान जैसे देशों में वाइल्ड पोलियो वायरस अब तक मौजूद है. एक देश से दूसरे देश में आने जाने के जरिये भी पोलियो का प्रवेश संभव है.
इसके लिये भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा गत 30 नवंबर 2015 से नियमित टीकाकरण के अंतर्गत इनैक्टिवैटिड वायरस वैक्सिन (आइपीवी) की शुरुआत की गयी है. जिसका शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मत्री प्रकाश नड्डा के द्वारा किया गया था.
क्या है इनैक्टिवैटिड पोलियो वायरस वैक्सिन
बताया कि यह वैक्सिन इंट्रामस्कुलर में लगाया जाने वाला इंजेक्टेबल टीका है. इसमें निष्क्रिय या मृत वायरस होता है. वातावरण में किसी तरह की प्रतिरोधक क्षमता पैदा नहीं करता है. जिसे लगता है, केवल उसी पर असर करेगा.
क्यों हैं आवश्यक
डॉ पूर्वे ने बताया कि इम्युनिटी के उच्च स्तर को बनाए रखने और वाइल्ड पोलियो वायरस पर नियंत्रण के लिए इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन शुरु किया जा रहा है. जब आइपीवी और ओपीवी की तीसरे खुराक एक साथ दी जाती है, तो बच्चों और समाज दोनों की पोलियो से दोहरी हिफाजत होती है. आइपीवी व ओपीवी बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं, ये दानों मिल कर पोलियो वायरस के दोबारा पनपने और उसे दोबारा संक्रमित करने से रोकते हैं.
कब और कैसे लगेगा टीका
नियमित टीकाकरण मे शामिल होने के बाद नवजात शिशुओं को 14 सप्ताह से एक साल तक के बच्चों के लिए पोलियो का टीका सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध होगा. इसे पोलियो टीके की तीसरी खुराक के साथ बच्चे की दाईं जांघ पर लगाया जायेगा. मौके पर डब्लूएचओ के डॉ जतिन ठक्कर, एसएमसी विजय शंकर पाठक, बीएमसी मनोज कुमार ठाकुर, विकेश कुमार व संतोष कुमार समेत अन्य मौजूद थे.
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