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छात्रा की हत्या मामले में सुस्त पड़ा पुलिस का अनुसंधान!

छात्रा की हत्या मामले में सुस्त पड़ा पुलिस का अनुसंधान! नगर थाना क्षेत्र के रामपुर परोरी पूर्वी की घटनाअब तक नहीं मिला पुलिस को हत्यारे का सुरागएसपी ने आइओ को दिया था सीडीआर निकालने का आदेशमृतका के पिता ने डीजीपी व मानवाधिकार आयोग को दिया आवेदनसीतामढ़ी. नगर थाना क्षेत्र के रामपुर परोरी पूर्वी गांव निवासी […]

छात्रा की हत्या मामले में सुस्त पड़ा पुलिस का अनुसंधान! नगर थाना क्षेत्र के रामपुर परोरी पूर्वी की घटनाअब तक नहीं मिला पुलिस को हत्यारे का सुरागएसपी ने आइओ को दिया था सीडीआर निकालने का आदेशमृतका के पिता ने डीजीपी व मानवाधिकार आयोग को दिया आवेदनसीतामढ़ी. नगर थाना क्षेत्र के रामपुर परोरी पूर्वी गांव निवासी बैद्यनाथ महतो की नाबालिग पुत्री की हत्या मामले के अनुसंधान में पुलिस सुस्त पड़ती नजर आ रही है. कांड के आइओ अब तक हत्यारों का सुराग ढूंढ़ने में नाकाम साबित हुए हैं. हत्या के पांच माह बाद भी नगर थाना की पुलिस अंधेरे में ही तलवार भांज रही है, जबकि पुलिस अधीक्षक के स्तर पर अनुसंधान में तेजी दिखाते हुए प्रतिवेदन-दो भी निकाला जा चुका है. पुलिस अधीक्षक ने अपने पर्यवेक्षण टिप्पणी में कांड के आइओ को हत्या से जुड़े मोबाइल संख्या-9523948933 एवं 9155598541 का सीडीआर/कैफ प्राप्त कर साक्ष्यानुसार आदेश प्राप्त कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक आइओ किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं. इधर मृतका के पिता ने पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) एवं बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. पिता ने कांड के आइओ पर लीपापोती करने का आरोप लगाया है. आवेदन में कहा है कि 16 अगस्त 2015 को दरिंदों ने गलत नियत से उसकी पुत्री की हत्या कर दी. उसकी पुत्री नौवीं की छात्रा थी. कॉल के बाद गायब हुयी थी छात्रा15 अगस्त 2015 की रात मोबाइल नंबर-9546778599 पर अज्ञात व्यक्ति का मोबाइल नंबर-9155598541 से कॉल आया तो उस कॉल को मृतका रिसीव कर बात की. इससे पहले मोबाइल संख्या-9523948933 से मिस्ड कॉल आया था. कॉल के आने के बाद से ही मृतका घर से गायब हो गयी. काफी खोजबीन करने के बाद ही उसका कुछ पता नहीं चल सका. 17 अगस्त को नदी से निकला शवखोजबीन के क्रम में 17 अगस्त 2015 की सुबह गांव के लोग नदी किनारे चप्पल और दुपट्टा देखने पर हल्ला किया. ग्रामीणों के सहयोग से नदी से शव बरामद किया गया. पानी में रहने के कारण शव का चेहरा फूला हुआ था. सूचना पर नगर थाने की पुलिस पहुंच कर छानबीन की और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. कॉल डिटेल में देरी पर सवालपुलिस के लिए कांड के अनुसंधान का मुख्य बिंदु मृतका के द्वारा रिसीव किया गया वह कॉल है, जिसके बाद से उसके लापता होने की बात सामने आयी है. सवाल है कि पुलिस के अब तक के अनुसंधान में उक्त मोबाइल नंबर के बारे में क्यों पता नहीं चला? अगर पुलिस पता लगा भी ली है तो आरोपितों की पहचान में इतनी देरी क्यों? यह कुछ सवाल है जो हत्या में पुलिस के अनुसंधान पर सवाल खड़े कर रही है. मृतका के पिता ने कहा है कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह सपरिवार आमरण अनशन पर बैठ जायेगा.

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