सीतामढ़ीः पुपरी अनुमंडल व बथनाहा प्रखंड के हजारों किसानों की समस्या को लेकर बुधवार को पूर्व सांसद नवल किशोर राय के नेतृत्व में जननायक कपरूरी ठाकुर विचार केंद्र के बैनर तले एक शिष्ट मंडल डीएम डा प्रतिमा से मिला. श्री राय के साथ शिष्टमंडल में सत्येंद्र सिंह कुशवाहा, सुदिष्ट कुमार, शशि भूषण सत्यनारायण राय, भाग्य नारायण यादव व गुड्डू सिंह शामिल थे.
डीएम को पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा
डीएम को सौंपे गये पांच सूत्री मांग पत्र में कहा गया है कि जिले के बथनाहा प्रखंड में अधवारा समूह की प्रमुख नदी माधोपुर तिरकौलिया में पंचायत से पुपरी प्रखंड के हरदिया पंचायत के अंतिम सीमा रामपुर पचासी गांव तक नदी के दोनों तरफ पुराने तटबंध का पूर्ण निर्माण जल संसाधन मंत्रलय बिहार सरकार के द्वारा कराया जा रहा है. जिसका संवेदक मेसर्स ब्रह्मपुत्र कंस्ट्रक्शन है. जो निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरत रहा है. बताया है कि प्राक्कलन के अनुरूप मिट्टी नहीं दी गयी है. लंबाई-ऊंचाई बनावटी दिखाया जा रहा है. जो विविध प्राक्कलन के हिसाब से जांच करने पर स्पष्ट होगा. इसी प्रकार प्राक्कलन के हिसाब से हर प्रथम फिट मिट्टी पर पानी व रोलर का प्रयोग कर ‘ कम्पैक्सन’ करना है. जो बिल्कुल नहीं किया गया है. जो निर्माण नियमों का तथा प्राक्कलन की घोर उल्लंघन है. कहा गया है कि इंडियन स्टैंड भारत सरकार की पुस्तिका में वर्णित मिट्टी काटने का मापदंड का घोर उल्लंघन हो रहा है. इंडियन स्टैंड की मार्गदर्शिका में लिखा है कि नदी के तटबंधों के निर्माण में रिभर साइड या कंट्री साइड दोनों हीं तरफ लगभग 80 मीटर के अंदर मिट्टी काटने से रोक है. कारण है कि इससे तटबंध भविष्य के लिए कमजोर होगा और ना हीं धारा बदलेगी.
यहां इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर इसका उल्लंघन करके करोड़ों का बंदरबांट किया जा रहा है. पूरे प्रोजेक्ट में अब तक जितना काम हुआ है, उसमें 80 प्रतिशत मिट्टी किसानों की लहलहाती फसलों वाली जमीन, जो तटबंध के किनारे है, जिसे जबरन काट कर तटबंध पर मिट्टी रखने का काम किया है. जिसे लाखों रुपया का फसल किसानों का बरबाद हो गया है. किसानों के खेत गैर उपजाऊ में बदल गया है. किसानों से अनुमति नहीं ली गयी है और ना हीं मिट्टी का मुआवजा दिया गया है. विरोध करने पर भय दिखा कर मिट्टी काटा जा रहा है. इसे किसानों के खेती की फसल बरबाद हुई है. पूर्व सांसद ने कहा है कि हरा पेड़ और हरी फसल काटना सरकारी नियमों का उल्लंघन है. सरकार वन लगाना चाह रही है. कृषि रोड मैप बना कर फसल उत्पाद बढ़ाना चाह रही है. यह कंपनी इसका उल्लंघन कर रही है. शिष्टमंडल ने डीएम से उच्चस्तरीय जांच टीम गठन कर 15 दिनों के अंदर कार्य को रोकते हुए किसानों के बचे हुए फसल को नष्ट होने के अलावा मुआवजा व सुरक्षा देने की मांग की है. निर्माण कंपनी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की गयी है. पूर्व सांसद के अनुसार मांग पत्र के आलोक में डीएम ने सीतामढ़ी सदर व पुपरी एसडीओ को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.