सीतामढ़ी : पारा लुढ़कने से रात में कनकनी बढ़ गई हैं. लोग ठंड से बचने का उपाय कर रहे हैं. ऊनी वस्त्रों के साथ-साथ गरम कपड़े व विद्युत यंत्र की खरीदारी जोरों पर हैं. लेकिन समाज का एक ऐसा वर्ग भी हैं, जो चाह कर ठंड के प्रकोप से अपने आप को बचाने में असफल साबित होते हैं.
कुछ इसी तरह की आर्थिक तंगी के कारण ठंड से बचाने में असक्षम साबित हो रहे लोगों के दर्द को जानने के लिए प्रभात खबर की टीम शुक्रवार की देर रात स्थानीय रेलवे स्टेशन पहुंची. जहां 32 वर्षीय साजो खातून नामक एक महिला रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर चटाइ बिछा कर अपने चार मासूम बच्चों को ठंड से बचाने का प्रयास कर रही थी. जिसमें उसे सफलता नहीं मिल रही थी. क्योंकि, एक तो मां समेत चार बच्चों के शरीर पर गर्म कपड़े नहीं थे. वहीं ठंड से बचाने के लिए साजो के पास एक मात्र कंबल था. वह भी फटा-पुराना.