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कमलेश को फांसी पर चढ़ाने की कर रहे थे मांग

कमलेश को फांसी पर चढ़ाने की कर रहे थे मांग फोटो नंबर-8, विधि-व्यवस्था का निरीक्षण करते डीएम व एसपी, 9, 10,11, जुलूस में शामिल अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, 12, सुरक्षा को लेकर मुस्तैद सदर एसडीओ संजय कृष्ण, 13, समाहरणालय परिसर में तैनात पुलिस बल, 14, डीएम व एसपी को ज्ञान सौंपते प्रतिनिधिमंडल, 15, हवाई अड्डा […]

कमलेश को फांसी पर चढ़ाने की कर रहे थे मांग फोटो नंबर-8, विधि-व्यवस्था का निरीक्षण करते डीएम व एसपी, 9, 10,11, जुलूस में शामिल अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, 12, सुरक्षा को लेकर मुस्तैद सदर एसडीओ संजय कृष्ण, 13, समाहरणालय परिसर में तैनात पुलिस बल, 14, डीएम व एसपी को ज्ञान सौंपते प्रतिनिधिमंडल, 15, हवाई अड्डा में उमड़ा अल्पसंख्यकों की भीड़ बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय में एकत्रित हुए अल्पसंख्यकशहर से मुख्यालय तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस थी तैनातलगातार भ्रमणशील रहे डीएम व एसपी संवाददाता, सीतामढ़ी. अल्पसंख्यकों के नबी पैंगबर साहब के खिलाफ हिंदू महासभा के कमलेश तिवारी द्वारा दिये गये टिप्पणी से क्षुब्ध होकर सोमवार को जिला के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सड़कों पर उतर गये. शहर से सटे मौलाना अबुल कलाम आजाद चौक मेहसौल पर एकत्रित होने के बाद हजारों की संख्या में एकत्रित अल्पसंख्यकों का सैलाब मौन जुलूस के रूप में मेहसौल चौक, राजोपट्टी व शंकर चौक होते हुए जिला मुख्यालय स्थित हवाइ अड्डा के मैदान में एकत्रित हुआ. इस दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए डीएम राजीव रौशन व एसपी हरिप्रसाद एस लगातार भ्रमणशील रहे. इसके अलावा इंस्पेक्टर गोरख राम, नगर थानाध्यक्ष विशाल आनंद व डुमरा थानाध्यक्ष छोटन कुमार सशस्त्र बलों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर मुस्तैद रहे. खासतौर पर समाहरणालय परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती रही. अमन के मसीहा हैं पैंगबर साहबहवाइ अड्डा मैदान में एकत्रित अल्पसंख्यकों को इमाम मौलाना अब्दुल वदुद मजाहिरी, इमाम मौलाना अजीमुद्दीन, इमाम मौलाना असलमुल कादरी, इमाम अशफाक अहमद, इमाम मौलाना रिजवान कासमी व मौलाना नुरुल होदा कादरी समेत सभी सात ओलेमाओं का बयान सुनाया गया, जिसमें सभी ओलेमाओं ने पैंगबर साह कि जिंदगी, उनकी सच्चाई, उनकी ईमानदारी की चर्चा करते हुए उन्हें अमन का मसीहा बताया गया. उनके रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया. मोदी सरकार से कानून बनाने की मांगमदरसा रहमानिया मेहसौल के अध्यक्ष मो. अरमान अली के अलावा सलमान सागर, इसलामिक एस्कौलर मो. एहतेशामुल हुसैन नौशाद ने कहा कि हिंदुस्तान में किसी भी धर्म के खिलाफ अमर्यादित बयान देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि किसी समुदाय की भावना को ठेस न लगे. उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र, धर्मनिरपेक्ष भावना व सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की गंदी साजिश की जा रही है. डीएम को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपाहवाइ अड्डा के मैदान संबोधन के बाद 7 ओलेमा व 8 सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम राजीव रौशन से मिलकर राष्ट्रपति के नाम से एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें पैंगबर साहब के दयावान चरित्र व गुणगान को दर्शाते हुए विवादित बयान देने वाले कमलेश तिवारी को फांसी पर चढ़ाने व हिंदुस्तान के मुसलमानों को भी धर्म के समान जीने का अधिकार दिये जाने की मांग की गयी. प्रतिनिधिमंडल में उक्त 7 ओलेमाओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता अध्यक्ष मो. अरमान अली, नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष मो. जलालुद्दीन खान, मो. कफिल अहमद चुन्नू, सामाजिक कार्यकर्ता सलमान सागर, मो. एहतेशामुल हक नौशाद, सैयद एहतेशामुल हक, हाजी मो. मोख्तार आलम, रेजा अहमद राजू व मो. मन्नान सल्फी शामिल थे. वादा पर कायम रहा आयोजन समितिमदरसा रहमानिया के अध्यक्ष मो. अरमान अली ने बताया कि आयोजन समिति ने जिला प्रशासन से शांतिपूर्वक मौन जुलूस निकालने का वादा किया था. मौन जुलूस में जिले के लाखों मुसलमान के शामिल होने के बाद भी आयोजन पूरी तरह सफल रहा. जुलूस में शिवहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मो. असद, मो. शम्स शाहनवाज, परवेज आलम व मो. जलालुद्दीन खान समेत अन्य मौजूद रहे. बॉक्स में पांच जिला की पुलिस पहुंचीसीतामढ़ी. आयोजित मौन जुलूस को लेकर रविवार से ही जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो चुकी थी. आलाधिकारियों को भी अवगत करा दिया था. यहीं कारण था कि मौन जुलूस के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पांच जिला की पुलिस सीतामढ़ी पहुंची थी. मेजर आरपी सिंह ने पूछने पर बताया था कि विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए मुजफ्फरपुर, बेतिया, सारण, सीवान व मोतिहारी की पुलिस आयी थी. जिसमें सशस्त्र बलों के अलावा सब इंस्पेक्टर से लेकर डीएसपी रैंक तक के अधिकारी शामिल थे. बॉक्स मेंज्याउद्दीन की भूमिका सराहनीयसीतामढ़ी. सोमवार को आयोजित होने वाले मौन जुलूस को लेकर रविवार की रात जिला पुलिस के लिए भाग-दौड़ वाली रही. पुलिस को तलखापुर पंचायत के मुखिया पति सह सामाजिक कार्यकर्ता मो. ज्याउद्दीन खान का भरपूर सहयोग मिला. विभिन्न मुसलिम आबादी वाले गांव के बुद्धिजीवियों के साथ पुलिस प्रशासन के साथ बैठक आयोजित करवा कर मो. ज्याउद्दीन ने शांति व्यवस्था बनाये रखने का पूर्ण आश्वासन दिया. लाउडस्पीकर के इस्तेमाल नहीं करने पर भी मो ज्याउद्दीन ने सकारात्मक पहल किया.

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