सीतामढ़ी/सुरसंड : जिला परिषद की विभिन्न प्रखंडों में जमीन हैं. सभी जमीन मार्केट के लायक है, पर विभागीय संवेदनहीनता के चलते अधिकांश स्थानों की जमीन अतिक्रमण का शिकार है और उक्त जमीन बेकार बना हुआ है. लेकिन इस दिशा में अब तक जिप अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने ठोस पहल नहीं की, जिससे कि जिप की बेकार पड़ी भूमि का उपयोग कर उससे आर्थिक आय की जा सके.
बताया जाता है कि जिप की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते कर्मियों का वेतन 60-70 माह से बकाया है. विभाग में भले ही जेनेरेटर की खरीद कर ली गयी, पर उसे चलाने के लिए एक लीटर डीजल तक का पैसा नहीं है. सुरसंड में है तीन एकड़ सुरसंड मुख्य चौक के समीप जिला परिषद की तीन एकड़ जमीन है. वह भी विगत कई दशक से. अब तक उक्त जमीन पर विभाग की ओर से कोई निर्माण कार्य के नाम पर ईंट का एक टुकड़ा तक नहीं गिराया गया है.
दशकों से यह जमीन अतिक्रमण की शिकार रही है. करीब छह माह पूर्व जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था. उधर, अधिकारी गये और इधर, दुकानदार पुन: कब्जा जमा लिये. जिप अध्यक्ष ने लिया जायजा जिप अध्यक्ष इंद्ररानी देवी ने रविवार को जमीन का अतिक्रमण देख दुकानदारों के प्रति नाराजगी व्यक्त की. दुकानदारों को बुलाया और शीघ्र अतिक्रमण मुक्त करने अन्यथा प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही. उनका कहना था कि वह सैकड़ों को रोजगार देना चाहती है.
दुकान के लिए इच्छुक लोग उनसे संपर्क कर सकते हैं. एक-एक कर दुकान का आवंटन किया जायेगा. दुकानदार रामबाबू साह, मो आलम अंसारी, जयकिशोर साह, मनोज साह, गणेश साह व दिनेश साह ने जिप अध्यक्ष की बातों को उचित माना और उनसे संपर्क करने की बात कही. जिप अध्यक्ष ने कहा कि डीडीसी ए रहमान भी कुछ करना चाहते हैं.
वे जिप की खाली जमीन का उपयोग करने को इच्छुक हैं. मौके पर जिप उपाध्यक्ष ईश्वर नारायण साह, समाजसेवी लालबाबू राय व सांसद प्रतिनिधि पूरन साह समेत अन्य मौजूद थे.