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्नरीगा चीनी मिल में कच्चा स्प्रीट फैक्ट्री फिर चालू

्नरीगा चीनी मिल में कच्चा स्प्रीट फैक्ट्री फिर चालू रीगा : सीएम नीतीश कुमार के शराब बंदी के निर्णय की घोषणा से हर वर्ग के लोगों में खुशी है. विशेष कर महिलाएं खुश है. शराब के चलते महिलाओं को अधिक प्रताडि़त होना पड़ता है और आर्थिक नुकसान भी होता है. इन महिलाओं की चिंता इस […]

्नरीगा चीनी मिल में कच्चा स्प्रीट फैक्ट्री फिर चालू रीगा : सीएम नीतीश कुमार के शराब बंदी के निर्णय की घोषणा से हर वर्ग के लोगों में खुशी है. विशेष कर महिलाएं खुश है. शराब के चलते महिलाओं को अधिक प्रताडि़त होना पड़ता है और आर्थिक नुकसान भी होता है. इन महिलाओं की चिंता इस बात को लेकर है कि रीगा चीनी मिल में एक बार फिर कच्चा स्प्रीट फैक्ट्री चालू हो गयी है. — शराब से कई परिवार बरबाद स्थानीय मिल बाजार की गीता देवी, मनोरमा देवी, आशा देवी व सुमित्रा देवी ने बताया कि शराब के चलते बहुत से परिवार बरबाद हो गये हैं. अब ऐसा हो कि आगे कोई परिवार नहीं उजड़े. शराब से सरकार को जितना राजस्व प्राप्त नहीं होता है, उससे अधिक समाज का नुकसान हो जाता है. काफी विलंब से हीं सही सीएम नीतीश कुमार का शराब बंदी का निर्णय स्वागत योग्य है. इधर, स्प्रीट फैक्ट्री के चालू होने से महिलाएं चिंतित हैं. बता दें कि यह फैक्ट्री 16 नवंबर 15 से चालू हुई है. — शर्तों के साथ फैक्ट्री चालू बताया गया है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकार एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मिल के डिस्टीलियरी के प्रदूषित जल को स्वास्थ्य व प्रकृति के लिए विनाशकारी बताया था. इसी के चलते फैक्ट्री बंद हो गयी थी. मिल सूत्रों ने बताया कि बोर्ड ने कुछ शर्तों पर इसे चालू कराने की अनुमति दी है. दो माह के अंदर प्रदूषण नियंत्रण यंत्र लगा लेना है. बोर्ड ने कहा है कि टैंकर के माध्यम से फेंके जाने वाले प्रदूषित जल को किसी गांव में नहीं छोड़ना है. — स्प्रीट से अब तक कई की मौत डिस्टीलियरी के बगल के गांवों क्रमश: पंछोर, कुसमारी, उफरौलिया, गोविंद फंदह, संग्राम फंदह व बखरी के साथ हीं मिल बाजार की महिलाएं इस लिए चिंतित है कि कच्चा स्प्रीट में पानी मिला कर नशा के रूप में उसका उपयोग करने वालों की संख्या अधिक है. स्प्रीट के उपयोग से वर्ष 1995 से अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. बताया गया है कि टैंकरों में स्प्रीट लोड किया जाता है और बाहर में छोटे-छोटे गैलन में उसकी बिक्री की जाती है. यह अधिक नशा देता है. स्प्रीट को लीवर को लिए काफी हानिकारक बताया गया है. मिल के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कच्चा स्प्रीट से दवा बनती है न कि शराब बनाने में इसका उपयोग किया जाता है. आम लोगों के हाथों स्प्रीट की बिक्री नहीं की जाती है.

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