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ग्राम कचहरी को नहीं है अपना भवन

ग्राम कचहरी को नहीं है अपना भवनफोटो नंबर- 2 सड़क किनारे पंचायती करते सरपंच व 3 कल तक इसी झोंपड़ी में होती थी पंचायत. सीतामढ़ी/नानपुर. सूबे में ग्राम कचहरी का चुनाव शुरू किया गया लेकिन सरकार की लापरवाही के चलते उक्त ग्राम कचहरी धरातल पर नहीं उतर सकी है. कचहरी भवन के अभाव में सरपंच […]

ग्राम कचहरी को नहीं है अपना भवनफोटो नंबर- 2 सड़क किनारे पंचायती करते सरपंच व 3 कल तक इसी झोंपड़ी में होती थी पंचायत. सीतामढ़ी/नानपुर. सूबे में ग्राम कचहरी का चुनाव शुरू किया गया लेकिन सरकार की लापरवाही के चलते उक्त ग्राम कचहरी धरातल पर नहीं उतर सकी है. कचहरी भवन के अभाव में सरपंच व पंचों को यहां-वहां एवं सड़कों के किनारे बैठ कर मामलों का निष्पादन करना पड़ता है. कचहरी को कई सुविधाएं नहीं जिले के अधिकांश पंचायतों में ग्राम कचहरी का अपना भवन नहीं है. कुछ सरपंच किराये पर मकान लेकर उसमें कचहरी चला रहे हैं. यह भी दिन व दिन सरदर्द होते जा रहा है. कारण कि प्रशासन के स्तर से मकान का भाड़ा नहीं दिया जा रहा है. कभी आवंटन नहीं रहने तो कभी कोई और बात कह कर सरपंचों को किराया के भुगतान में असमर्थता व्यक्त कर दी जाती है. सरपंचों ने जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी. इस पर भी कोई अमल नहीं हुआ. इस तरह की और कई समस्याएं हैं, जिस पर न तो राज्य सरकार और न ही जिला प्रशासन गंभीर हैं. सरपंचों की शिकायत रहती है कि जिस मामले की सुनवाई कचहरी स्तर से होनी है, वैसे मामलों को थाना पुलिस द्वारा प्राथमिकी कर कार्रवाई शुरू कर दी जाती है. इसके चलते ग्राम कचहरी के गठन पर ही सवाल उठने लगता है. सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष मुरलीधर मिश्र की माने तो अवैध कमाई के लिए कुछ पुलिस वाले कचहरी के अधीन वाले मामले पर अपने स्तर से जांच- पड़ताल शुरू कर देते हैं. डोरपुर कचहरी का मामला नानपुर प्रखंड का सबसे छोटा पंचायत डोरपुर है. यहां पंचायत भवन नहीं है. कचहरी संचालन के लिए भवन की बात करना तो दूर की बात है. पूर्व में ग्रामीणों ने सरकारी जमीन पर एक झोंपड़ी बनाया था. इसी झोंपड़ी में सरपंच व पंच मामले पर विचार-विमर्श कर उसका निष्पादन करते थे. बाद के दिनों में मरम्मत के अभाव में उक्त झोंपड़ी किसी काम के लायक नहीं रह गयी. अब स्थिति यह है कि पंचों को सड़क के किनारे यहां-वहां बैठ कर पंचायत करनी पड़ती है. शुक्रवार को डोरपुर हनुमान मंदिर के समीप सरपंच शंकर राय, शीलाकांत झा, सचिव जोखीलाल साह व पंचों को मारपीट के एक मामले पर विचार-विमर्श करते देखा गया. सरपंच श्री राय ने बताया कि कचहरी संचालन के लिए यहां सामुदायिक भवन भी नहीं है. मजबूरी में सड़क किनारे बैठना पड़ता है. बताया कि कचहरी भवन के लिए बीडीओ से कई बार लिखित तौर पर शिकायत की गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

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