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जिप कर्मियों का 76 माह का वेतन बकाया

जिप कर्मियों का 76 माह का वेतन बकाया फोटो नंबर-4 वेतन मद में नहीं है एक पैसा का भी आवंटन दीवाली व छठ में भी कर्मियों को लेने होंगे कर्ज पर पैसे वेतन को डीडीसी ने राज्य सरकार को भेजा है पत्र सीतामढ़ी. जिला परिषद के कुछ कर्मियों का 60 माह का तो अधिकांश कर्मियों […]

जिप कर्मियों का 76 माह का वेतन बकाया फोटो नंबर-4 वेतन मद में नहीं है एक पैसा का भी आवंटन दीवाली व छठ में भी कर्मियों को लेने होंगे कर्ज पर पैसे वेतन को डीडीसी ने राज्य सरकार को भेजा है पत्र सीतामढ़ी. जिला परिषद के कुछ कर्मियों का 60 माह का तो अधिकांश कर्मियों का 76 माह का वेतन बकाया है. यह सुनने में भले ही अन्य विभाग के कर्मियों व आम लोगों को कुछ अजीब लगे, पर सच्चाई है. वेतन के अभाव में इन कर्मियों के घरों में कैसे दीवाली व छठ मनेगी, का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. बिना कर्ज का दीवाली संभव नहीं कर्मियों का कहना है कि अन्य दिनों दीवाली व छठ में भी कर्ज पर पैसे लेने पड़ेंगे. बिना कर्ज के यह दोनों पर्व मनाना संभव ही नहीं है. वैसे उन सबों को कर्ज पर पैसे लेकर परिवार चलाने की नियति ही नहीं, बल्कि आदत बन गयी है. सरकार की बदतर व्यवस्था के चलते ऐसा हाल बना हुआ है. जिप की ओर सरकार गंभीर नहीं जिला परिषद के कर्मियों को समय पर वेतन मिले, जिप का आय का श्रोत बढ़े और इसकी व्यवस्था में सुधार हो, को लेकर राज्य सरकार कभी भी गंभीर नहीं हुई है. यही कारण है कि वर्षों पूर्व जिला परिषद को विभिन्न माध्यमों से एक अच्छा-खासा आय होता था. कर्मियों का कम माह का वेतन बकाया रहता था. व्यवस्था भी ठीक-ठाक थी. बाद के वर्षों में धीरे-धीरे इस विभाग का हाल खस्ता होता गया. यानी आय के तमाम श्रोत बंद हो गये. कर्मियों का वेतन 76 माह तक का बकाया हो गया. फिर भी सरकार खामोश पैसे के अभाव में जिप के कई कर्मी बीमार पड़ने पर समुचित इलाज नहीं करा सके और असमय काल के गाल में समा गये. हाल यह है कि जब कोई कर्मी रिटायर होता है तो उसका बकाया पैसा हाइकोर्ट के आदेश के बिना नहीं मिल पाता है. यही कारण है कि रिटायर के मुहाने पर पहुंचते ही कर्मी एक ओर कागजी प्रक्रिया को दुरुस्त करने में लग जाते हैं तो दूसरी ओर हाई कोर्ट में शीघ्र भुगतान के लिए मुकदमा की तैयारी भी करने लगते हैं. खजाने में सूद का है 84 लाख कर्मियों ने बताया कि चतुर्थ वित्त आयोग मद की राशि का सूद बढ़ कर 84 लाख हो गया है. डीडीसी से सूद की राशि से ही वेतन का भुगतान करने की मांग की गयी तो उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा है. जिप कर्मी संघ के अध्यक्ष विपिन सिंह ने बताया कि कुल कर्मियों की संख्या 55 है. सरकार के पत्र में सूद की राशि को वेतन मद में दिया जा सकता है या नहीं, का कोई उल्लेख नहीं है. तब संघ की ओर से डीडीसी को यह दलील दी गयी कि जिसका धान उसी का पुआल भी होता है. इसी पर सरकार से 15-20 दिन पूर्व दिशा-निर्देश मांगा गया जो अब तक नहीं मिल सका है. अप्रैल-मई 15 के बाद दशहरा के पूर्व एक माह का वेतन मिला था. क्या कहते हैं डीडीसी इस बाबत जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी ए रहमान ने बताया कि वेतन के भुगतान के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है.

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