27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मदरसा रहमानिया के अध्यक्ष बने रहेंगे बस्मिलि

मदरसा रहमानिया के अध्यक्ष बने रहेंगे बिस्मिल — संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा का आदेश — मदरसा बोर्ड को सक्षम पदाधिकारी से जांच कराने की छूट सीतामढ़ी : डुमरा प्रखंड के मदरसा रहमानिया, मेहसौल की प्रबंध समिति के चुनाव को लेकर दो गुटों में विवाद बना रहता है. इस बीच, माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक डॉ […]

मदरसा रहमानिया के अध्यक्ष बने रहेंगे बिस्मिल — संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा का आदेश — मदरसा बोर्ड को सक्षम पदाधिकारी से जांच कराने की छूट सीतामढ़ी : डुमरा प्रखंड के मदरसा रहमानिया, मेहसौल की प्रबंध समिति के चुनाव को लेकर दो गुटों में विवाद बना रहता है. इस बीच, माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक डॉ विजय कुमार पांडेय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मदरसा बोर्ड के 17 जुलाई 14 के जारी आदेश को पूरी तरह नियम विरुद्ध मानते हुए रद्द कर दिया है. साथ हीं कहा है कि यदि मदरसा बोर्ड आवश्यक समझे तो सक्षम पदाधिकारी से जांच करवा सकती है और जांच रिपोर्ट के आलोक में मदरसा बोर्ड से पास करा कर नयी प्रबंध समिति को अनुमोदन प्रदान कर सकती है. तब तक अलाउद्दीन बिस्मिल की प्रबंध समिति मदरसा का संचालन पूर्व की तरह करती रहेगी. — क्या है पूरा मामला बता दें कि मदरसा बोर्ड के निर्णय से क्षुब्ध होकर श्री बिस्मिल संयुक्त निदेशक के यहां अपील दायर किये थे. सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने बताया कि 17 नवंबर 13 को बैठक में अलाउद्दीन बिस्मिल को सचिव व मो एनुल हक को अध्यक्ष चुना गया. इसकी सूचना 25 नवंबर 13 को बोर्ड को दे दी गयी, पर बोर्ड के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. यह भी बताया गया कि इस बीच, प्रतिवादी ने बोर्ड को बताया कि 27 नवंबर 13 को जनता द्वारा उन्हें चुना गया है. बोर्ड से अनुमोदन प्रदान करने का आग्रह किया गया. बोर्ड ने इसकी जांच करायी. जांच के दौरान स्थल पर स्थानीय जनता व पुलिस भी मौजूद थी. 21 फरवरी 14 को बोर्ड को जांच रिपोर्ट मिली. बोर्ड के अधिवक्ता ने जांच में पायी गयी बातों का समर्थन किया. सुनवाई के बाद संयुक्त निदेशक डॉ पांडेय के जारी आदेश में कहा है कि श्री बिस्मिल के प्रतिवादी के द्वारा जितने भी आरोप लगाये गये हैं, उसकी पुष्टि कहीं से नहीं हो सकी है. बोर्ड के अध्यक्ष ने कभी भी सही स्थिति की जांच नहीं की एवं मनमाने ढ़ंग से पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए अकेले हीं प्रतिवादी की कमेटी को अनुमोदन प्रदान कर दिया है जो पूरी तरह से एक पक्षीय एवं नियम विरुद्ध है, क्योंकि इसे मदरसा बोर्ड से पारित नहीं कराया गया है. जिस कारण प्रतिवादी की प्रबंध समिति को कानूनी मान्यता प्रदान नहीं की जा सकती. इधर, निवर्तमान अध्यक्ष मो अरमान अली ने संयुक्त निदेशक के फैसले को चुनौती देने की बात कही है. फैसले से असंतुष्ट मो अली ने कहा है कि उनकी अध्यक्षता वाली कमेटी जनता द्वारा चुनी गयी थी और उसे बोर्ड का अनुमोदन प्राप्त था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें