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66 पीआरएस बरखास्त
सीतामढ़ी : जिला प्रशासन के स्तर से 66 पंचायत रोजगार सेवकों को बरखास्त कर दिया गया है. पंचायत सचिव में समायोजन करने की मांग को लेकर पंचायत रोजगार सेवक पांच मई से हड़ताल पर थे. डीडीसी एम रहमान ने सभी पीआरएस को दो बार लिखित तौर पर काम पर लौटने अन्यथा सेवा मुक्त किये जाने […]
सीतामढ़ी : जिला प्रशासन के स्तर से 66 पंचायत रोजगार सेवकों को बरखास्त कर दिया गया है. पंचायत सचिव में समायोजन करने की मांग को लेकर पंचायत रोजगार सेवक पांच मई से हड़ताल पर थे. डीडीसी एम रहमान ने सभी पीआरएस को दो बार लिखित तौर पर काम पर लौटने अन्यथा सेवा मुक्त किये जाने की चेतावनी दी थी. इसके बाद भी पीआरएस के काम पर नहीं लौटने को डीडीसी ने गंभीरता से लिया 66 को सेवा से मुक्त कर दिया है.
मनरेगा अधिनियम का उल्लंघन
डीडीसी का मानना है कि पीआरएस के हड़ताल के चलते मनरेगा अधिनियम का उल्लंघन हो रहा था. अधिनियम के तहत मजदूरों को 15 दिनों का काम देना संभव नहीं हो पा रहा था. कर्मियों की उक्त कार्यशैली के चलते अधिनियम का अनुपालन कराने में प्रशासन को बाधा उत्पन्न हो रही थी.
डीडीसी ने 16 जून व 18 जून को सभी पीआरएस से काम पर लौटने अथवा अपना प्रभार पीओ को सौंप देने की बात कही थी. साथ हीं सभी को ऐसा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गयी थी.
बरखास्तगी के बाद इस्तीफा
सभी पीआरएस को तीन जुलाई को सेवा मुक्त किया गया. इस कार्रवाई के बाद सभी पीआरएस ने शनिवार को बैठक कर सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. उक्त कार्रवाई से पीआरएस में हड़कंप मच गया है, पर वे अपना धैर्य नहीं खोये हैं. उन्हें आशा है कि सरकार से न्याय जरूर मिलेगा. इधर, राजू कुमार व ब्रजेश कुमार सिंह समेत अन्य ने बताया कि प्रशासन की उक्त कार्रवाई के बावजूद उनलोगों का आंदोलन जारी रहेगा.
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