सीतामढ़ीः मनरेगा की योजनाओं के प्रति लापरवाह रहने वाले जिले के विभिन्न प्रखंडों के 47 मुखिया से वित्तीय शक्ति छिनने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. जिला प्रशासन के स्तर से की जा रही उक्त कार्रवाई की जानकारी डीपीआरओ एमके गुप्ता ने दी.
यह है मामला
डीएम डॉ प्रतिमा मंगलवार को समाहरणालय के सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ मनरेगा की योजनाओं की समीक्षा कर रही थी. इसी दौरान यह सामने आया कि जिले के 47 मुखिया इस योजना के प्रति गंभीर नहीं हैं. यानी उक्त 47 पंचायतों में चालू वित्तीय वर्ष में अब तक मनरेगा के तहत एक रुपये भी खर्च नहीं किये गये हैं. पंचायत समिति करायेगी काम बैठक में डीएम ने उक्त पंचायतों का मनरेगा से संबंधित काम पंचायत समिति से कराने का निर्देश दिया. प्रखंडवार मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारियों यानी पीओ के कार्यो की समीक्षा कर डीएम ने संतोषजनक प्रगति नहीं पाकर सभी 17 प्रखंडों के पीओ, मनरेगा के सहायक अभियंता व कनीय अभियंता के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी.
इन पर हुई कार्रवाई
डीपीआरओ ने बताया है कि बेलसंड प्रखंड की जाफरपुर पंचायत, रीगा के भवदेपुर, मेजरगंज के डुमरी कला, बथनाहा के बैरहा, बराही जीवा, सोनबरसा के पुरंदाहा रजवाड़ा पश्चिमी, सोनबरसा, इंदरवा, सिंगवाहिनी, मधेसरा, भुतही व पुरंदाहा रजवाड़ा पूर्वी पंचायत की वित्तीय शक्ति पर रोक लगायी जा रही है. इसके अलावा बैरगनिया प्रखंड के मुसाचक, नानपुर के कौड़िया रायपुर, बहेरा जाहिदपुर, मोहिनी व बाथ असली, रून्नीसैदपुर के प्रेमनगर, मोरसंड, रून्नीसैदपुर मध्य, रून्नीसैदपुर दक्षिणी, अथरी, बगाहीं, रामनगर, बघारी, टिकौली व मानिक चौक उत्तरी, बेलसंड प्रखंड के बुधनगरा, परिहार के परिहार उत्तरी, परसंडी, पिपरा विशनपुर, बेला मछपकौनी, कन्हमा, धड़हरवा, सहजौली, बराहीं व कौड़िया पिपरा पंचायत के मुखिया से वित्तीय शक्ति छिन जायेगी.