सीतामढ़ीः अन्य वर्षो की अपेक्षा इस बार बारिश कम होने के चलते जिले में धान की फसल पूरी तरह प्रभावित हो गयी है. बारिश के अभाव में कहीं-कहीं निर्धारित लक्ष्य तक रोपनी नहीं हुई. जहां रोपनी हुई वहां आशा के अनुरूप न बारिश हुई और न धान को समुचित पानी मिला. सूबे के 33 जिलों में इस स्थिति का आकलन करने के बाद सरकार ने इन जिलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया है. भारत मौसम विभाग व कृषि विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में बारिश की स्थिति अत्यंत खराब होने की बात कही है.
सूखा ग्रस्त जिला घोषित किये जाने से संबंधित जारी अधिसूचना में विभिन्न तरह के ऋण व शुल्क की वसूली पर रोक लगा दी गयी है. वर्ष 13-14 में इसकी वसूली नहीं की जायेगी. यानी चालू वर्ष में किसानों से सहकारिता ऋण, राजस्व लगान, सेस, पटवन शुल्क व विद्युत शुल्क की वसूली नहीं की जानी है.इससे किसानों ने राहत की सांस ली है.
पशुचारा व पानी की व्यवस्था
सरकार ने कहा है कि सुखाड़ के कारण फिलहाल पशु चारा की समस्या नहीं है. बाद में यह समस्या उत्पन्न होने पर जिला पशुपालन पदाधिकारी पशु चारा की व्यवस्था करेंगे. पीएचइडी व लघु सिंचाई विभाग के सहयोग से सूखे जलाशय का चयन कर उसमे पानी की व्यवस्था करायेंगे. पशुओं के लिए दवा भंडारण करने को कहा गया है.
सूखाग्रस्त क्षेत्रों के मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न होने पर मनरेगा के तहत रोजगार सृजन किया जायेगा. सिंचाई के लिए नलकूपों को कम से कम आठ घंटे लगातार विद्युत की व्यवस्था सुनिश्चत की जायेगी.