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अधिकारियों की देखरेख में जांच

सीतामढ़ी : वर्ष 2007 में जिला स्तर पर चतुर्थवर्गीय कर्मियों की नियुक्ति में की गयी गड़बड़ी की जांच जारी है. समाहरणालय के पुराने सभागार में 11 अधिकारियों की देखरेख में कर्मियों की एक बड़ी फौज आवेदनों की जांच कर रही है. बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में नियुक्ति में हुई गड़बड़ी […]

सीतामढ़ी : वर्ष 2007 में जिला स्तर पर चतुर्थवर्गीय कर्मियों की नियुक्ति में की गयी गड़बड़ी की जांच जारी है. समाहरणालय के पुराने सभागार में 11 अधिकारियों की देखरेख में कर्मियों की एक बड़ी फौज आवेदनों की जांच कर रही है.
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में नियुक्ति में हुई गड़बड़ी की जांच करायी जा रही है. प्रतिदिन की जांच की अद्यतन रिपोर्ट डीएम को दी जा रही है. जांच को एडीएम, एनडीसी व स्थापना उप समाहर्ता की संयुक्त अध्यक्षता में एक टीम बनायी गयी है. 11 अधिकारी प्रतिदिन की जांच का रिपोर्ट इस टीम को सौंप रहे हैं और यह टीम डीएम को अवगत करा रही है. बताया गया है कि अवैध तरीके से की गयी कर्मियों की नियुक्ति में इससे जुड़े पूर्व अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है. हालांकि इसकी किसी अधिकारी ने पुष्टि नहीं की है.
नहीं कुछ बोल रहे हैं अधिकारी
चल रही जांच की कार्रवाई की बाबत कोई भी अधिकारी कुछ नहीं बोल रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद ही नियुक्ति प्रकरण में किस-किस तरह की गड़बड़ी की गयी है, का खुलासा हो पायेगा. अभी जांच जारी है. इसमें दो-तीन दिन और समय लगेंगे. बताया गया है कि आवेदनों की जांच में गड़बड़ी मिल रही है.
दर्जनभर नियुक्ति अवैध!
सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2007 में नियुक्त किये गये तमाम चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के मामले की सुनवाई डीएम डॉ प्रतिमा द्वारा अपने कोर्ट में की गयी है. इस दौरान नियुक्त सभी कर्मियों को नियुक्ति वैध होने से संबंधित कागजात के साथ कोर्ट में आकर पक्ष रखने को कहा गया था. सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो दर्जन भर कर्मियों की अवैध बहाली का मामला उजागर हुआ है. हालांकि कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद वास्तव में कितने की अवैध बहाली उजागर हुई है, पर कोई बताने के लिए अभी तैयार नहीं है. जांच की पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा जा रहा है.
कर्मियों के छूट रहे पसीने
अवैध रूप से नियुक्त, जो भी कर्मी हैं, उनके पसीने छूट रहे हैं. उन्हें आभास हो गया है कि नियुक्ति के दौरान जो तिकड़म किया था, वह पकड़ा गया है. उस पर कार्रवाई तय माना जा रहा है. ये कर्मी यही बात सोच-सोच कर परेशान हैं. एक तरह से उनकी दिन की चैन व रात की नींद उड़ गयी है. सूत्रों ने बताया कि अवैध रूप से नियुक्त कर्मियों पर प्राथमिकी के साथ ही वेतन की भी वसूली संभव है. इस तरह की चर्चा जोरों पर है.
कर्मियों में भी है खलबली!
समाहरणालय में चर्चा है कि उक्त बहाली पूर्वडीएम सुमन कुमार के कार्यकाल में हुई थी. अगर हाई कोर्ट व राज्य सरकार के स्तर से कार्रवाई होती है तो संभव है कि कार्रवाई की जद में उस दौरान के कुछ कर्मी भी आ सकते हैं. जैसे कहा जा रहा है कि बहाली के दौरान जिला नाजिर के रूप में विमल प्रसाद थे.
इनकी भी भूमिका की जांच हो सकती है. वैसे बहाली के लिए मुख्य रूप से चयन समिति ही जिम्मेदार माना जा रहा है. चर्चा है कि पूर्व डीएम श्री कुमार के कार्यकाल में निजी सहायक के रूप में शिव नारायण मिश्र थे. वे अब सेवानिवृत्त हो चके हैं. कर्मियों की नियुक्ति में श्री मिश्र की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी. बावजूद उनके नाम की भी चर्चा की जा रही है. कहा जा रहा है कि श्री मिश्र पूर्व डीएम श्री कुमार के काफी करीबी थे.

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