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आत्मा की शांति को शिव की आराधना करें

फोटो नंबर- 10 गौरी शंकर मंदिर में जलाभिषेक करते श्रद्धालु शिवहर : पूर्व की अपेक्षा आज हर लोग अधिक तनाव में रहते हैं. लाख प्रयास के बावजूद लोगों को सुख-शांति की अनुभूति नहीं हो रही है. उक्त बातें गौरी शंकर मंदिर के पुजारी श्री श्री 108 रामलखन दास त्यागी जी महाराज ने मंगलवार को महा […]

फोटो नंबर- 10 गौरी शंकर मंदिर में जलाभिषेक करते श्रद्धालु शिवहर : पूर्व की अपेक्षा आज हर लोग अधिक तनाव में रहते हैं. लाख प्रयास के बावजूद लोगों को सुख-शांति की अनुभूति नहीं हो रही है. उक्त बातें गौरी शंकर मंदिर के पुजारी श्री श्री 108 रामलखन दास त्यागी जी महाराज ने मंगलवार को महा शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं को से कहा. बताया कि भगवान शिव परमात्मा का सत्य परिचय हैं. शिव का अर्थ होता है कल्याण. शिवरात्रि के दिन प्रत्येक शिवलिंग में भगवान भोलेनाथ का अंश विद्यमान रहता है. जो भी इस महा व्रत को श्रद्धा-भाव व विश्वास के साथ करता है, उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है. जीवन में सुख व शांति की वृद्धि होती है. बताया कि शिव को सत्यम, शिवम, सुंदरम कहा जाता है. यह महा पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष के चदुर्दशी को अर्थात अमावस्या के एक दिन पूर्व मनाया जाता है. परमात्मा शिव निराकारी अलौकिक ज्ञान प्रदान करने वाले व कल्याण की वर्षा करने वाले हैं. उनकी आराधना से मनुष्य की हर बाधा दूर हो जाती है. परमात्मा ने मनुष्य के सामने अपने ज्योति स्वरूपा लिंग रखा ताकि मनुष्य की हर बाधा दूर हो सके. वहीं ज्योर्तिलिंग पर मनुष्य अपनी बाधाओं को समर्पित कर सके और सुख-शांति का अनुभव कर सके. भगवान शिव की पूजा करने से वे जल्द प्रसन्न हो जाते हैं.

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