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नेता ही नहीं प्रखर साहित्यकार हैं आनंद मोहन

सीतामढ़ी : फ्रेंड्स ऑफ आनंद की बैठक मंगलवार को माता मंदिर मार्ग स्थित कार्यालय में संसदीय अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में पूर्व सांसद आनंद मोहन द्वारा लिखित काव्य ‘पर्वत पुत्र दशरथ मांझी’ को सीबीएसइ के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए चर्चा की गयी. दलित प्रदेश अध्यक्ष […]

सीतामढ़ी : फ्रेंड्स ऑफ आनंद की बैठक मंगलवार को माता मंदिर मार्ग स्थित कार्यालय में संसदीय अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में पूर्व सांसद आनंद मोहन द्वारा लिखित काव्य ‘पर्वत पुत्र दशरथ मांझी’ को सीबीएसइ के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए चर्चा की गयी.

दलित प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव पासवान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद आनंद मोहन ऐसे नेता हुए जो जेल में रहते हुए अपनी कलम की अभिव्यक्ति को यादगार बनाया है. जिलाध्यक्ष विंध्यवासिनी कुंवर ने कहा कि हमारे देश व राज्य के लिए पूर्व सांसद ने पर्वत पुरुष दशरथ मांझी की रचना कर शिवहर संसदीय क्षेत्र का मान बढ़ाया है. आनंद मोहन आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह र्दशा दिया है कि विद्वता को दबा कर नहीं रखा जा सकता है. समाजसेवी जयचंद्र सिंह ने कहा कि आनंद मोहन सांसद ही नहीं एक लेखक के रूप में भी अपनी प्रखर मौजूदगी को दर्शाया है. वह सिर्फ नेता हीं नहीं एक मजबूत साहित्यकार भी है.

काव्य को सीबीएसइ के पाठ्यक्रम के वर्ग आठ में शामिल किये जाने के उपलक्ष्य में आगामी पांच फरवरी को गोयनका कॉलेज में साहित्य कला संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. बैठक में अशोक सिंह चौहान, कुमार राजीव सिंह, लक्ष्मण पासवान, महंत संजय दास, मोहन सिंह, विनोद सिंह मठवा, विनोद सिंह, सुरेश सिंह, अजय कुमार, अमरेंद्र सिंह, मुकेश भूषण सिंह, अरविंद सिंह, शेखर सिंह, प्रभुनाथ सिंह समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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