सीतामढ़ी : पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा है कि समाजवादी एकता आज वक्त का तकाजा है. अनुशासन और एकता के अभाव में विश्व एक अति सुंदर विचार ‘लोकतांत्रिक समाजवाद’ जिसे आचार्य नरेंद्र देव, जेपी, डॉ लोहिया, मीनू मसानी, अच्युत पटवर्धन, अरुणा आसफ अली आदि ने मिल जुल कर प्रतिपादित किया था, बिखर कर रह गया और प्रतिगामी तथा यथास्थिति वादी ताकतें देश पर हावी हो गयी. 22 दिसंबर को नई दिल्ली में जंतर मंतर पर जनता परिवार के महाधरना कार्यक्रम में अपने संबोधन की प्रति गुरुवार को मीडिया में जारी करते हुए कहा कि समाजवादियों का यह अभिशाप रहा कि वह कभी डेढ़ वर्ष साथ नहीं चले और तीन वर्ष अलग नहीं रहे. बिखराव, अलगाव के कारण धीरे धीरे उनकी ताकत क्षीण होती चली गई. डॉ लोहिया ने स्वयं कभी कहा था ‘सुधरो अथवा टूटो’, कांग्रेस और भाजपा का नारा है-जुटो और लूटो. समाजवादियों की विफलता के कारण आज प्रतिक्रियावादी शक्तियां अपने मंसूबों में सफल हुई है और आगे देश को इसका दुष्परिणाम झेलना पड़ेगा. जब-जब आप एकजुट हुए हैं, इतिहास ने करवट लिया है और देश ने आपका साथ दिया है. 1967,1977 एवं 1990 इसके गवाह हैं. यह बात साफ हो चुका है कि कुछ लोग हमारी गंगा-जमुनी तहजीब और साझी संस्कृति विरासत को तहस-नहस करना चाहते हैं.
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समाजवादी एकता वक्त का तकाजा : लवली
सीतामढ़ी : पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा है कि समाजवादी एकता आज वक्त का तकाजा है. अनुशासन और एकता के अभाव में विश्व एक अति सुंदर विचार ‘लोकतांत्रिक समाजवाद’ जिसे आचार्य नरेंद्र देव, जेपी, डॉ लोहिया, मीनू मसानी, अच्युत पटवर्धन, अरुणा आसफ अली आदि ने मिल जुल कर प्रतिपादित किया था, बिखर कर रह […]
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