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गढ़ी मेला जाने का सिलसिला जारी

बैरगनिया : नेपाल के बारा जिले के बरियारपुर गांव में 16 नवंबर से ही गढ़ी माई स्थान पर मेला लगा हुआ है. अब भी लोग मेला में जा रहे है. प्रतिदिन क्षेत्र से हजारों लोग विभिन्न वाहनों से गढ़ी माई स्थान जा रहे है. वहीं प्रतिदिन हजारों लोग वहां से लौट भी रहे है. — […]

बैरगनिया : नेपाल के बारा जिले के बरियारपुर गांव में 16 नवंबर से ही गढ़ी माई स्थान पर मेला लगा हुआ है. अब भी लोग मेला में जा रहे है. प्रतिदिन क्षेत्र से हजारों लोग विभिन्न वाहनों से गढ़ी माई स्थान जा रहे है. वहीं प्रतिदिन हजारों लोग वहां से लौट भी रहे है. — पांच वर्ष पर मेला गढ़ी माई का मेला पांच वर्ष पर लगता है. यह मेला बलि प्रथा के लिए एशिया महादेश में प्रसिद्ध है. इस बार शुक्रवार व रविवार को पशु-पक्षियों की बलि दी गयी. जानकारों की माने तो वहां पर इस बार करीब आठ हजार पाड़ा की बली दी गयी है. कहा जा रहा है कि वहां 20 हजार पशु-पक्षियों को बलि देने की व्यवस्था की गयी थी. बोर्डर पर सख्ती के चलते हजारों पशु-पक्षी असमय काल के गाल में जाने से बच गये. सीमा क्षेत्र की पुलिस ने बड़ी संख्या में पशुओं को जब्त भी किया. — बोर्डर पर पूरी सख्ती इधर, भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों ने बलि के लिए पाड़ा व अन्य पशुओं के ले जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में यहां तैनात जवानों ने पूरी कोशिश की कि एक भी पशु को नहीं ले जाने दे. यह बात अलग है कि चोरी-छिपे कुछ लोग मवेशी को लेकर चले ही गये. वहीं हजारों लोगों को एसएसबी की सख्ती के चलते पशु-पक्षी को बोर्डर से लौटा कर घर लाना पड़ा. लोग निराश होकर लौट आये. कारण कि मां को दी जाने वाली बलि वे नहीं दे पाये. बहुत से लोग मवेशी को छोड़ खाली हाथ ही सही मां के दरबार में जरूर गये. बता दे कि गढ़ी माई स्थान पर व्यवस्था लाख बदतर होने के बावजूद भारतीय सीमा क्षेत्र से लाखों लोग गये थे. यह गढ़ी माई के प्रति लोगों का अटूट आस्था ही माना जायेगा.

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