सीतामढ़ी : जिले के रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र में गत 12 अप्रैल को नौवीं कक्षा की छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली को लेकर मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल ने सवालिया निशान खड़ा किया है. संगठन के राज्य समिति सदस्य श्री किशोरी दास, जिलाध्यक्ष डॉ आनंद किशोर, सदस्य जिला समिति दिलीप कुमार सिंह, हरिओम शरण नारायण, सदस्य ओम प्रकाश ने सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट भेजी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 12 अप्रैल को रेल की घटना के बाद टीम ने सैकड़ों ग्रामीण, एसपी, डीएसपी, थानाध्यक्ष व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बात करने के अलावा मेडिकल जांच रिपोर्ट व पुलिस द्वारा किये गये कार्रवाई की जांच की. इसमें पाया गया कि घटना पूरी तरह सत्य है. टीम ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि आम नागरिकों के जीवन, संपत्ति व आबरू के सुरक्षा की जवाबदेही प्रशासन की होती है.
घटना के बाद पीड़ित के परिजनों ने सात बजे एसपी व रून्नीसैदपुर थाना को सूचना देकर न्याय की मांग की, लेकिन 14 घंटा बाद दूसरे दिन पुलिस के पहुंचने से पूर्व अभियुक्त पकड़ से बाहर जा चुका था.
जबकि स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वह रात्रि 11.30 तक गांव में था. टीम ने कहा है कि मिंटू नामक आरोपित इसी जिले के पंजाब नेशनल बैंक डकैती कांड में चार वर्ष से वांछित था. जिले में रहने के बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो रही थी.
दुष्कर्म की घटना यह साबित करती है. दूसरी ओर यह भी साबित होता है कि अपराधियों के साथ पुलिस के मधुर रिश्ते हैं. टीम ने यह भी कहा है कि पीड़ित द्वारा सूचना देने पर पुलिस ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहने की सफाई देते हुए गैर जिम्मेदार तरीके से अपना पल्ला झाड़ लिया. घटना के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों व आम नागरिकों की चुप्पी भी सभ्य समाज के लिए घोर चिंता का विषय है. जांच टीम ने मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टर की टीम द्वारा जांच के बिंदुओं को स्पष्ट नहीं कर अन्य बिंदुओं को तवज्जो देने पर भी सवाल उठाया है.
* पीयूसीएल की सरकार से मांग
सीतामढ़ी त्न पीयूसीएल के राज्य समिति सदस्य किशोरी दास व जिलाध्यक्ष डॉ आंनद किशोर समेत जांच टीम में शामिल सदस्यों ने सरकार से दोनों अभियुक्तों को शीघ्र गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल से कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है.
इसके अलावा पीड़ित व परिजनों को पूर्ण सुरक्षा देने, पीड़ित को गांव से बाहर किसी प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में दाखिला दिलाते हुए मुआवजा देने, छात्राओं को निर्भिक होकर शिक्षा ग्रहण करने की ठोस व्यवस्था, एसपी व मामले में शिथिलता बरतने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने और समाज में दुष्कर्म को शहर पहुंचाने का जो अवयव है, उसके संयमित तथा नियंत्रित करने व दुष्कर्म के प्रति घृणा भाव पैदा करने के लिए सामाजिक दिशा में पहल कर पंचायत गांव के चौपाल शहर के वार्ड स्तर पर शिक्षण कार्य के लिए कारगर पहल करने की मांग की है.
* रिपोर्ट में दुष्कर्म की स्पष्ट पुष्टि नहीं
सीतामढ़ी : छात्रा का सरेआम अपहरण करने के बाद दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने का मामला सामने आने के बाद पूरा जिला उबल पड़ा था. राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम भी किया था, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट ने दुष्कर्म की स्पष्ट पुष्टि नहीं की गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘यह कहना मुश्किल है कि दुष्कर्म हुआ या नहीं’.