तैयारी : बिचौलियों के कारनामे को देखते हुए जिलाधिकारी ने दिया िनर्देश
आपदा अन्नपूर्ति एप के द्वारा सामुदायिक किचेन की होगी निगरानी
डुमरा : बाढ़ राहत सूची में सभी पात्र लाभुक को शामिल करने को लेकर डीएम डॉ रणजीत कुमार सिंह ने सभी बीडीओ को निर्देश दिया. समाहरणालय में सोमवार को वीसी के माध्यम से उन्होंने सभी बीडीओ के साथ बाढ़ राहत कार्यों का समीक्षा करते हुए कहा की ऐसी शिकायत प्राप्त हो रही है कि कुछ लोग सूची में नाम जोड़ने के लिए पांच सौ से एक हजार रुपये की मांग कर रहे है. डीएम ने निर्देश दिया कि ऐसे तत्वों को चिह्नित कर प्राथमिकी दर्ज करायें.
साथ ही निर्देश दिया कि पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, विकास मित्र, आंगनबाड़ी सेविका, किसान सलाहकार, आवास सहायक, राजस्व कर्मचारी व कार्यपालक सहायक समेत सरकारी कर्मी ही सूची बनायेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हीं में से तीन का चयन कर सूची बनवायें. पंचायत स्तरीय आपदा अनुश्रवण समिति जिसमें मुखिया, पूर्व मुखिया व सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि को शामिल कर सूची को पारित की जाएगी.
लाभुक का नाम छूटने पर सूची बनाने वाले जवाबदेह : डीएम ने कहा कि अगर एक भी पात्र लाभुक का नाम छूटता है तो सूची बनाने वाले पर जवाबदेही तय की जाएगी.
गौरतलब हो कि राज्य सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों के खाते में 6000 की राशि भेजी जा रही है. जिसके अंतर्गत सीतामढ़ी में अभी तक एक लाख 81 हजार परिवारों को कुल 109 करोड़ की राशि उनके खाते में हस्तांतरित किया गया है.
बताते चले कि इस छह हजार रुपये में तीन हजार रुपये नकद अनुदान व तीन हजार रुपये खाद्यान्न का शामिल है. डीएम ने सभी बीडीओ को कहा कि आपदा अन्नपूर्ती एप के द्वारा सामुदायिक किचेन की निगरानी की जाएगी. सभी सामुदायिक रसोई घर व राहत शिविर पंचायतवार पंजीकृत होंगे जो जीपीएस लोकेशन से टैग होगा.
इसमें प्रतिदिन के भोजन का दो फोटो, खाना खाने वाले कि संख्या व अन्य सभी आवश्यक विवरणी दर्ज की जाएगी. ताकि जिलास्तर व राज्य स्तर पर पर उसकी निगरानी किया जा सके. उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों में सामुदायिक रसोई के सफल संचालन व निगरानी के लिए अलग-अलग वरीय अधिकारियों को जवाबदेही दी गयी है.