सीतामढ़ी/परिहार : तत्कालीन डीएम राजीव रौशन के आदेश पर परिहार प्रखंड के स्कूलों में छात्रवृत्ति एवं पोशाक राशि के घोटाले की जांच करायी गयी थी. तब छात्रवृत्ति घोटाले का जो तथ्य सामने आया था, वह कम चौकाने वाला नहीं था.
उस दौरान यह खुल कर कहा जाता था कि जिला कल्याण कार्यालय द्वारा परिहार के स्कूलों को दिल खोल कर छात्रवृत्ति मद में राशि भेजी गयी है. इन स्कूलों में एक प्राथमिक स्कूल, बाबा कुटीर, सिरसिया बाजार का भी मामला चर्चा में रहा था. उक्त स्कूल को जिला कल्याण से छात्रवृत्ति मद में 24 दिसंबर 14 को 618200 रुपये और उसी दिन दूसरी बार में 615000 रुपये भेजे गये थे. दो से 22 जनवरी 15 के बीच 238200 रुपया भेजा गया था.
24 जनवरी को प्रधान शिक्षक द्वारा 239000 रुपये की निकासी की गयी थी. फिर पांच फरवरी 15 को 103485 रुपया एवं 21 फरवरी को 104000 रुपया स्कूल को मिला था. 20 से 23 जुलाई के बीच 1073000 रुपये की निकासी की गयी थी. पुनः 27 अगस्त को 569000 रुपया मिला था. इतना ही नहीं, 21 नवंबर 15 को 438500 रुपये का आवंटन मिला था.
एक समय ऐसा आया था कि प्रधान शिक्षक द्वारा चेक से जिला कल्याण कार्यालय को 5.64 लाख रुपये लौटा दिया था. तब प्रधान ने इस तरह की बात से इनकार किया था. बताया गया था कि 2300 बच्चों के नाम पर छात्रवृत्ति की निकासी की गयी थी. यह किसी को यकीन नहीं हुआ था कि प्राथमिक विद्यालय में 2300 बच्चों को छात्रवृत्ति कैसे दे दिया गया. वैसे प्रधान ने उस दौरान मात्र 480 बच्चों के नामांकित होने की बात कही थी.
इसकी जांच नहीं करायी गयी थी कि आखिर जिला कल्याण से इतनी मोटी रकम कैसे भेज दी गयी थी ? किसके स्तर से चूक हुई थी ? चेक से राशि लौटाने की नौबत क्यों आयी थी ? इन सारे सवालों का जवाब आज भी राज ही बना हुआ है.