सीतामढ़ीः केंद्र में मोदी की सरकार बनने वाली है. चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी के नारे ‘अब अच्छे दिन आने वाले हैं’ हर किसी की जुबान पर अब भी है. यहां तक बच्चे भी उक्त नारा बोलने लगे हैं. स्कूली बच्चे कह रहे हैं कि उनके अच्छे दिन कब आयेंगे. यह कहने की पीछे बच्चों की सोच नियमित पढ़ाई व एमडीएम को लेकर है. बच्चों की यह सोच लाजिमी है. यह जान कर हैरानी होगी कि जिले के 242 स्कूलों के बच्चों को एमडीएम नहीं मिल रहा है.
शायद ही आयेंगे अच्छे दिन
बच्चे चाहते हैं कि स्कूलों में नियमित पढ़ाई हो, बराबर एमडीएम का लाभ मिले. ऐसा न हो कि चावल व पैसे के अभाव में उन्हें एमडीएम से वंचित रहना पड़े. बच्चे ऐसी व्यवस्था चाहते हैं कि गुरुजी समय पर स्कूल आये और समय पर जायें. वे अपने कर्तव्यों की खानापूर्ति नहीं करें. बच्चे चाहते हैं कि एमडीएम में उनकी हकमारी न हो. हकमारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाये ताकि अन्य को सबक मिले. हालांकि बच्चों को कम उम्मीद है कि एमडीएम की व्यवस्था में पूरी तरह सुधार हो पायेगा.
17 स्कूलों में भी बंद
रसोइया के कारण बोखड़ा प्रखंड के एक स्कूल में तो अन्य कारणों से बैरगनिया, बोखड़ा, सुप्पी व सुरसंड प्रखंड को छोड़ शेष प्रखंडों के 16 स्कूलों में एमडीएम बंद है. यानी कुल 242 स्कूलों के हजारों बच्चे इन दिनों भूखे स्कूल से लौट रहे हैं. यह रिपोर्ट बुधवार का है.