13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीतामढ़ी में 100 करोड़ से हो रहा दुग्ध शीतक केंद्र का विस्तार

सीतामढ़ी : तिरहुत दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के सीतामढ़ी स्थित दुग्ध शीतक केंद्र का विस्तार सौ करोड़ की परियोजना से किया जा रहा है. जिसके तहत केंद्र में प्रोसेस यूनिट की क्षमता बढ़ायी जा रही है. दुध के लिए किसानों को पशुपालन के लिए जागरूकता के साथ ही अनुदानित राशि पर कई सुविधा दी […]

सीतामढ़ी : तिरहुत दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के सीतामढ़ी स्थित दुग्ध शीतक केंद्र का विस्तार सौ करोड़ की परियोजना से किया जा रहा है. जिसके तहत केंद्र में प्रोसेस यूनिट की क्षमता बढ़ायी जा रही है.

दुध के लिए किसानों को पशुपालन के लिए जागरूकता के साथ ही अनुदानित राशि पर कई सुविधा दी जा रही है. इस यूनिट के विकसित होने पर किसानों को जहां दुधारू मवेशी से लाभ होगी, वहीं कई बेरोजगारों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे. यहां से दुध का प्रोसेस, पैंकिंग व पाउडर का निर्माण किया जायेगा. जिसका विनिमय पड़ोसी जिलों के साथ ही देश के अन्य भागों में किया जायेगा.
परियोजना के तहत विस्तार: कृषि रोड मैप के तहत किसानों को सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की परियोजना के द्वारा इस इकाई का विस्तार किया जा रहा है. सौ करोड़ की यह परियोजना निगम द्वारा वित्त पोषित है. जिसमें 70 फीसदी ऋण व 45 फीसदी अनुदान व पांच फीसदी संघ की व्यवस्था है. इस परियोजना में चार लाख लीटर प्रतिदिन खपाने के लिए प्रोसेस व पैकिंग के लिए प्लांट लगाया जाना है. इसके साथ ही यहां प्रतिदिन 30 मीटरिक टन क्षमता का पाउडर प्लांट भी होगी. भविष्य में इस यूनिट से सुधा की राबड़ी, दही, घी व पेड़ा समेत अन्य दुग्ध उत्पाद के लिए प्रोड्क्सन मैन्युफैक्चरिंग पर भी मैनेजमेंट की नजर है.
किसानों की समृद्धि में मील का पत्थर साबित होगी कार्यान्वित परियोजना
17 प्रखंडों में कुल 240 सहयोग समिति क्रियाशील
सौ करोड़ की परियोजना से किया जा रहा है शीतक केंद्र का विस्तार
चार लाख लीटर क्षमता का होगा प्रोसेस व पैकिंग का प्लांट
30 मीटरिक टन प्रतिदिन हो सकेगा पाउडर का उत्पादन
भविष्य में प्रोड्क्सन मैन्युफैक्चरिंग पर भी है मैनेजमेंट की नजर
सहयोग के साथ ही जागरूकता
पशुपालकों को बेहतर सुविधा देने व दुध का कोल्ड चेन बनाये रखने के लिए समिति बल्क कूलर की स्थापना करती है. जिले में पांच स्थान डायन छपरा, बगाही, धसना, बोखड़ा और बनरझुला में इसकी स्थापना की जा चुकी है. संघ द्वारा पांच हजार एवं तीन हजार लीटर दुध कलेक्सन पर भी समिति को बल्क कूलर दिया जाता है. संघ द्वारा पशु पालकों को रिसोर्स पर्सन के द्वारा राशन संतुलन के साथ ही पशु की विभिन्न रोगों के संबंध में जानकारी दी जा रही है. साथ ही अनुदान पर सुधा दाना, दवा, कृत्रिम गर्भाधान, उपचार व दवा व्यवस्था, पशुचारा बीज, बायोगैस प्लांट, कुटीकटा मशीन, खुरपी, दाब, साइलेज पीट आदि उपलब्ध कराया जा रहा है.
कहते हैं पदाधिकारी
कृष्णा कुमार (प्रभारी, दुग्ध शीतक केंद्र) ने बताया कि जिले के सभी 17 प्रखंड में कुल 240 सहयोग समिति क्रियाशील है. आने वाले समय में सभी राजस्व गांव में समिति का विस्तार कर किसानों को जोड़ना है. इस परियोजना से बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा तथा पशुपालक किसान समृद्ध होंगे.
केपीएस यादव (प्रबंधक अभियंत्रण, तिमुल) ने कहा कि परियोजना के तहत भवन का निर्माण अंतिम चरण में है. इसके साथ ही विभिन्न प्लांट के लिए टेंडर हो चुका है. हम गुणवत्तापूर्ण दुध को विभिन्न राज्यों में आपूर्ति के लिए एलेस्टर व ट्रेटा पैक भी करते हैं. जो तीन से छह माह तक खराब नहीं होता है. तिमुल के सात जिलों में यह केंद्र अग्रणी भूमिका में होगा.
नागेश्वर राय (अध्यक्ष, तिमुल) ने बताया कि इस परियोजना से सीतामढ़ी मिल्क हब बन जायेगा. जो आने वाले भविष्य में किसानों की समृद्धि और बेरोजगारों के रोजगार में मिल का पत्थर साबित होगा. परियोजना को पूर्ण करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. वर्ष 2018 में ही इसे पूर्ण कर काम शुरू कर देने की कोशिश की जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें