सीतामढ़ी : मुखिया से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफलतापूर्वक राजनीतिक सफर तय करने वाले रघुनाथ झा का निधन बिहार की राजनीति के साथ-साथ राजद के लिए भी अपूरणीय क्षति है. व्यक्तिगत तौर पर उनके निधन से काफी शोकाकुल हूं. अपने दु:ख को शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है. इससे बड़ी बात क्या हो सकती हैं कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनाने में रघुनाथ झा का बहुत बड़ा योगदान रहा है. कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क रखना व वक्त पर उनके काम आना रघुनाथ झा की खासियत रही है.
राजद के वरीय नेता, खासतौर पर सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया व गोपालगंज के विधायक समेत छोटे-बड़े नेता व कार्यकर्ता उनके अंतिम संस्कार में भाग लेंगे. इसके अलावा पटना स्थित पार्टी कार्यालय में उनके निधन पर शोकसभा का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी जायेगी. रघुनाथ झा का राजनीतिक सफर पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा का जन्म 9 अगस्त 1939 को शिवहर जिला के पिपराढ़ी प्रखंड के अंबा गांव में हुआ था. 1969 में पहली बार अंबा पंचायत के मुखिया से सफर शुरू करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा का जीवन काफी उतार-चढ़ाव से गुजरा है.
वह पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के एक अनुयायी के रूप में प्रसिद्ध थे. शिवहर जिला बनाने में उनका काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. शिवहर रेफरल अस्पताल को भुलाया नहीं जा सकता. अंबा कला में अपने माता-पिता के नाम हाई स्कूल उनके यादगार पलों में से एक है. 1976 में सीतामढ़ी जिला परिषद के अध्यक्ष रहे. 1999 से 2004 तक समता पार्टी के टिकट पर गोपालगंज व 2004 से 2009 तक बेतिया से राजद के टिकट पर सांसद रहे. 1980 पहली बार डा जगन्नाथ मिश्र के मुख्यमंत्रित्व काल में बिहार सरकार में मंत्री बने. 1985 में जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए और जनता विधानमंडल दल के नेता निर्वाचित किये गये.
1989 में जनता दल के गठन के बाद पार्टी के पहले प्रदेश अध्यक्ष बने. 1990 में सीएम पद का चुनाव लड़ने पर उन्हें 11 मत प्राप्त हुआ. 1990 में लालू प्रसाद के नेतृत्व में बनी सरकार में दूसरे नंबर पर मंत्री बने और संसदीय कार्य, स्वास्थ्य व लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण सहित आधा दर्जन विभागों के मंत्री बनाये गये.
पुनः 1993 में राज्य सरकार में संसदीय कार्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बने. 1993 से 1998 तक राज्य सरकार में मंत्री रहे.1998 में लालू प्रसाद से मतभेद होने के बाद राजद से अलग होकर समता पार्टी में शामिल हुए और नैतिकता के आधार पर बिहार विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. 1999 में गोपालगंज से सांसद बने. 2004 में बेतिया से सांसद बने 2008 में केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में भारी उद्योग राज्य मंत्री बनाये गये. वह अपने पीछे एक पुत्र व एक पुत्री छोड़ गये हैं.