डकैती. बेला पुलिस की कार्यप्रणाली पर ग्रामीण उठा रहे सवाल
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पांच किलोमीटर की दूरी थानेदार को तय करने में लग गये दो घंटे
डकैती. बेला पुलिस की कार्यप्रणाली पर ग्रामीण उठा रहे सवाल घटना के फौरन बाद मोबाइल पर थानेदार को दी गयी थी सूचना पांच माह के भीतर बेला में दूसरी डकैती 21 जून को डकैतों ने तीन घरों को बनाया था निशाना सीतामढ़ी : जिले के बेला थाना क्षेत्र के सिरसिया बाजार में टेंट व्यवसायी सत्यनारायण […]
घटना के फौरन बाद मोबाइल पर थानेदार को दी गयी थी सूचना
पांच माह के भीतर बेला में दूसरी डकैती
21 जून को डकैतों ने तीन घरों को बनाया था निशाना
सीतामढ़ी : जिले के बेला थाना क्षेत्र के सिरसिया बाजार में टेंट व्यवसायी सत्यनारायण नायक के पुत्र मनोज नायक के घर हुई डकैती मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली कटघरे में है. पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में थानेदार को पूरे दो घंटे का वक्त लगा. इससे गृहस्वामी समेत ग्रामीणों में पुलिस के प्रति गहरा आक्रोश है.
पीड़ित व्यवसायी ने बताया कि डकैत रात करीब 12.50 बजे लूटपाट के उद्देश्य से घर में प्रवेश किया. हल्ला के बाद डकैत करीब 1.35 बजे भाग गये. इसके पूर्व हीं मोबाइल से थानेदार को डकैती की सूचना दी गयी थी, इसके बावजूद उनके आने में दो घंटे से अधिक का समय लगा. थानेदार सोमवार की सुबह करीब 3.30 बजे पहुंचे. अब सवाल उठता है कि पुलिस हीं अगर बे-वक्त हो जाये तो जनता को फौरन सुरक्षा कैसे मिलेगी?
यहां बता दे कि सर्दी शुरू होने के साथ हीं सीमाई इलाके में डकैती की घटनाएं बढ़ जाती है. इसको लेकर पुलिस कप्तान की ओर से थानेदारों को जो दिशा निर्देश दिया गया है उसके मुताबिक थानेदारों को पूरी पलटन के साथ इलाके में सघन गश्त लगाना है. बेला की घटना ने पुलिस सक्रियता की पोल खोलकर रख दी है. पांच माह के भीतर बेला में डकैती की यह दूसरी घटना है.
नेपाल में सक्रिय डकैत गिरोह पर शक
सिरसिया बाजार डाका कांड में नेपाल में सक्रिय गिरोह पर शक किया जा रहा है. प्रारंभिक छानबीन में पुलिस को भी नेपाली अपराधियों के घटना में शामिल होने के संकेत मिले हैं. बताया जा रहा है कि भारत और नेपाल की खुली सीमा का फायदा उठाकर यहां और वहां के अपराधी गिरोह को आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर सीमा में प्रवेश कर सुरक्षित हो जाते हैं.
पांच माह पूर्व में भी नेपाली डकैत गिरोह ने बेला खुर्द में तीन घरों को निशाना बनाकर लूटपाट को अंजाम दिया था. इनमें शत्रुध्न साह उर्फ रूदल साह, भरत चौधरी एवं राजेंद्र साह के घरों में लाखों की संपत्ति लूटी गयी थी. पुलिस को अब तक उक्त मामले में कोई सफलता नहीं मिली है.
रविवार की रात मनोज नायक के घर में डकैती की घटना में पुलिस और एसएसबी की चौकसी पर भी सवाल खड़ा हो गया है. ग्रामीण बताते हैं कि वारदात स्थल से महज 500 मीटर की दूरी पर एसएसबी का पोस्ट है. वहीं थाने की दूरी पांच किलोमीटर है. पड़ोसी नेपाल इन दिनों चुनावी रंग में डूबा है. हाल के दिनों में वहां लगातार बम-विस्फोट व गोलीबारी की घटनाएं हुई है, जिसको लेकर जिले को अलर्ट पर रखा गया है.
बच्चों के गुलक भी खंगाल गये डकैत
मनोज नायक के बच्चे घटना के बाद से गुलक को लेकर बेहद निराश हैं. सिक्का दर सिक्का जमा कर रखे गये गुलक को भी डकैतों ने नहीं बख्शा. बच्चों की छोटी जमापूंजी भी ले गये. मनोज की पुत्री सोनाली ने बताया कि पापा-मम्मी के साथ अन्य नाते रिश्तेदारों से आशीर्वाद में मिले पैसे हम सभी भाई-बहन गुलक में जमा कर रखे थे. डकैत उसे भी ले गये. बताया जाता है कि बच्चे अपनी छोटी जमापूंजी को डकैतों से बचाने की कोशिश भी की, लेकिन नजर पड़ते हीं एक डकैत उसे छीन लिया. अब फिर से गुलक खरीदकर जमा पूंजी इककट्ठा की जा सकती है, लेकिन बच्चों की जो भावना आहत हुई है उसे फिर लौटाया नहीं जा सकता है.
स्थानीय व नेपाल के अपराधी शामिल
सुरसंड सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर फारूख हुसैन ने बताया कि डकैती में स्थानीय अपराधियों के साथ नेपाली अपराधियों की भी संलिप्तता है. बेला थानाध्यक्ष को टीम गठित कर गिरोह में शामिल अपराधियों की धर पकड़ की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. इलाके में पुलिस की स्पेशल गश्त होगी. घटना में शामिल अपराधियों को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
फारूख हुसैन, सर्किल इंस्पेक्टर, सुरसंड
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