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कहीं उजड़ा गुलशन, तो कहीं बिखरा बागवान

सैलाब का सितम. रून्नीसैदपुर में अब भी बाढ़ के पानी में डूबे हैं गांव, खेत व खलिहान सीतामढ़ी : 10 दिनों तक लगातार इलाके में तबाही मचाने के बाद अब बाढ़ का असर कम हुआ है. लेकिन बाढ़ के चलते इलाके में हुई तबाही के निशान अब भी बरकरार है. जो गरीबों के जख्मों को […]

सैलाब का सितम. रून्नीसैदपुर में अब भी बाढ़ के पानी में डूबे हैं गांव, खेत व खलिहान

सीतामढ़ी : 10 दिनों तक लगातार इलाके में तबाही मचाने के बाद अब बाढ़ का असर कम हुआ है. लेकिन बाढ़ के चलते इलाके में हुई तबाही के निशान अब भी बरकरार है. जो गरीबों के जख्मों को कुरेद रहे है.
पिछले 10 दिनों में इलाके में बागमती व अधवारा समूह की नदियों ने जबरदस्त तबाही मचायी है. 60 से अधिक लोगों की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हुई है. तकरीबन 20 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. 50 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए है. 20 हजार से अधिक लोग अब भी प्रशासनिक राहत शिविर, बांध, हाइवे व रेलवे ट्रैक पर शरण लिए हुए है.
सैकड़ों गांव व हजारों हेक्टेयर खेत बाढ़ के पानी में डूबी हुई है. तबाही का सर्वाधिक असर रून्नीसैदपुर में दिख रहा है. जहां चारों ओर पानी हीं पानी है. बथनाहा व सुरसंड में हाइवे में कई स्थानों पर सड़क व पुल बह गया है तो परसौनी में भी यहीं तस्वीर है. बैरगनिया में कई पुल व सड़क बाढ़ के पानी में बह गये है तो रेलवे पुल व ट्रैक भी अछूता नहीं है. रून्नीसैदपुर-बेलसंड, बेलसंड-परसौनी, परसौनी-शिवहर, मेजरगंज-रीगा, रीगा- सीतामढ़ी, बेला-परिहार, परिहार-सीतामढ़ी, सोनबरसा-कन्हौली व पुपरी-बाजपट्टी पथ समेत 200 से अधिक ग्रामीण सड़कें बाढ़ के चलते ध्वस्त हो गयी है.
बैरगनिया के कई इलाके बाढ़ के चलते न केवल गरीबों का आशियाना बह गया है, बल्कि घर समेत सर्वस्व बह गए है. खेतों में लगी फसलें भी बर्बाद हो गयी है. प्रशासनिक स्तर पर राहत बंट रहा है.
विभिन्न सामाजिक संगठन व राजनीति दल के लोगों द्वारा भी बाढ़ पीड़ितों का सहयोग किया जा रहा है. बावजूद इसके पीड़ितों की परेशानी बरकरार है. सबसे बुरा हाल नवजात, मासूम, वृद्ध व बीमार लोगों के अलावा बेजुबान पशुओं का है. बहरहाल, इस बाढ़ ने सैकड़ों लोगों का गुलशन हीं नहीं बागबान भी उजाड़ कर रख दिया है.
रून्नीसैदपुर के नये इलाकों में फैला बूढ़ी गंडक का पानी: रून्नीसैदपुर . जिले के रून्नीसैदपुर प्रखंड में बाढ़ से स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. पूरा इलाका बागमती व लखनदेई नदी के पानी से जलमग्न है. जबकि अब बूढ़ी गंडक नदी ने परेशानी बढ़ा दी है.
पिछले दो दिनों से बूढ़ी गंडक नदी के पानी का ओलीपुर पंचायत में बहाव जारी था. अब बूढ़ी गंडक का पानी ओलीपुर पंचायत के दर्जनों गांवों के अलावा गुरूदह उर्फ गुरदौसनगर पंचायत के दर्जनों गांवों में घुस गया है. लिहाजा इन दोनों पंचायतों में लोग दहशतजदा है. फिलहाल बूढ़ी गंडक नदी का पानी तेजी से फैल रहा है. इधर, रून्नीसैदपुर में बागमती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है.
राहत को लेकर बवाल, किया प्रदर्शन: नानपुर. बाढ़ राहत की मांग को लेकर बुधवार को भदीयन पंचायत के मुखिया प्रशांत कुमार के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय का घेराव कर घंटों बवाल काटा. वहीं सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. नाराज लोग राहत उपलब्ध कराने की मांग पर अड़े थे. बाद में एसडीओ किशोर कुमार के आश्वासन पर जाम समाप्त हुआ. प्रदर्शन में शामिल तेतरी देवी, गनौरी देवी, मरछिया देवी, शांति देवी, शैली देवी, दुखनी देवी, जयलश देवी, मुनिया देवी, तेतरी देवी, शकुंतला देवी, मालती देवी, सीता देवी व कविता देवी आदि ने बताया की इस भीषण बाढ़ में हमलोगों का घर इस बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गया है. फसल बर्बाद हो गयी है. मवेशी के लिए चारा की समुचित व्यवस्था करना काफी मुश्किल हो गया है. बावजूद इसके प्रशासन द्वारा राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराया जा सका है और नहीं मवेशी के लिए चारा हीं. प्रखंड में सबसे पहले भदियन में ही बाढ़ का पानी प्रवेश किया था. प्रशासनिक स्तर पर जो सूची बनायी गयी है, उसमें कई परिवार का नाम गायब कर दिया गया हैं.

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