सीतामढ़ी : बे में सत्ता के परिवर्तन के बाद जहां देश की राजनीति में नये समीकरण का सूत्रपात हुआ है, वहीं जिले की राजनीति ने भी करवट लेनी शुरू कर दी है. सूबे में एनडीए की सरकार बनने के बाद जहां राजद-कांग्रेस में जबरदस्त आक्रोश है,
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सरकार बनने के बाद जिले की सियासत ने भी ली करवट
सीतामढ़ी : बे में सत्ता के परिवर्तन के बाद जहां देश की राजनीति में नये समीकरण का सूत्रपात हुआ है, वहीं जिले की राजनीति ने भी करवट लेनी शुरू कर दी है. सूबे में एनडीए की सरकार बनने के बाद जहां राजद-कांग्रेस में जबरदस्त आक्रोश है, वहीं भाजपा खेमे में खुशी की लहर है. राजद […]
वहीं भाजपा खेमे में खुशी की लहर है. राजद से गठबंधन टूटने के बाद जदयू के वैसे नेताओं में खुशी है जो पार्टी में रहते हुए भी हासिये पर पहुंच चूके थे. गठबंधन टूटने के बाद उन्हें संजीवनी मिलती दिख रहीं है. हालांकि महागठबंधन की सरकार के समाप्त होने व एनडीए की सरकार बनने के बाद सबसे ज्यादा खुशी भाजपा व एनडीए खेमे में है. गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के साथ हीं जिले का सियासी तापमान और अधिक गर्म हो गया. वहीं लोगों में उम्मीदें जगने लगी. सबसे बड़ी उम्मीद मंत्रिमंडल को लेकर है. वजह एनडीए सरकार में जिले के तीन-तीन मंत्री थे, लेकिन महागठबंधन की सरकार में सीतामढ़ी से एक भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया था. लेकिन इस बार जिले के विधायक-विधान पार्षद का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. लोगों द्वारा अब मांग भी उठायी जा रहीं है.
जदयू की बाजपट्टी विधायक सह पूर्व मंत्री डॉ रंजू गीता, बेलसंड विधायक सुनीता सिंह चौहान, परिहार से भाजपा विधायक गायत्री, बथनाहा से भाजपा विधायक दिनकर राम का नाम मंत्री पद को लेकर सुर्खियों में है. लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा विधान पार्षद सह पूर्व मंत्री देवेश चंद्र ठाकुर का नाम सबसे आगे है. राजनीति के जानकारों की माने तो नीतीश को एनडीए में शामिल कराने में देवेश चंद्र ठाकुर की अहम भूमिका रहीं है.
17 फरवरी को बगही धाम से लौटने के दौरान सीएम नीतीश कुमार देवेश चंद्र ठाकुर के घर पहुंचे थे. तभी से कयास लग रहे थे. ऐसे में देवेश का मंत्री बनना पक्का माना जा रहा है. डॉ रंजू गीता का मंत्री बनना भी तय माना जा रहा है. वहीं भाजपा खेमे से परिहार विधायक गायत्री देवी भी मंत्री बन सकती है. सभी विधायक व विधान पार्षद के कार्यकर्ता एक ओर जहां मंत्री बनने के सपने संजो रहे है, वहीं मांग भी कर रहे है.
एनडीए के खाते में चार सीट: सीतामढ़ी : जिले की आठ विधान सभा सीटों में से अब एनडीए के खाते में चार सीटें आ गयी है.
जबकी चार सीट पर महागठबंधन का कब्जा है. सर्वाधिक तीन सीटें राजद के पास है. रून्नीसैदपुर, सीतामढ़ी व सुरसंड विधान सभा सीट पर राजद का कब्जा है. बेलसंड व बाजपट्टी में जदयू, बथनाहा व परिहार पर भाजपा तथा रीगा विधान सभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.
हासिये पर पहुंचे जदयू नेताओं
को मिली संजीवनी
भाजपा-जदयू के कई नेताओं
के मंत्री बनने की जगी आस
देवेशचंद्र, रंजू गीता व गायत्री
बन सकती हैं मंत्री
दोनों संसदीय सीटों पर एनडीए का कब्जा
जिले की दो लोक सभा सीटें एनडीए के कब्जे में है. सीतामढ़ी सीट पर एनडीए की सहयोगी रालोसपा का कब्जा है, जबकि शिवहर सीट पर भाजपा का कब्जा है. विधान पार्षद के एक सीट पर भाजपा, एक पर जदयू व एक पर राजद का कब्जा है.
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