-अमरेंद्र कुमार-
सीतामढ़ीः उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद, दिल्ली से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित शिक्षकों की नौकरी जायेगी. राज्य सरकार ने एक बार फिर पत्र जारी कर उक्त संस्थान के प्रमाण पत्र को अवैध माना है और कहा है कि बोर्ड ऑफ हायर सेकेंड्री, दिल्ली और सेकेंड्री बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन से निर्गत प्रमाण पत्र के आधार पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति राज्य के
विद्यालयों में शिक्षक के पद पर नहीं की जा सकती है.
— सूची में संस्था का नाम नहीं
निदेशक श्री चौधरी ने कहा है कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय भारत सरकार के माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग तथा काउंसिल ऑफ बोर्डस ऑफ स्कूल एजुकेशन इन इंडिया से जारी मान्यता प्राप्त बोर्ड एवं काउंसिल की सूची में ‘उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद, दिल्ली’ का नाम नहीं है. संबंधित संस्थान के प्रमाण पत्र में संस्था के पता में सिर्फ दिल्ली अंकित है. संस्था का कोई पता अंकित नहीं रहने के कारण उसकी स्थलीय जांच करना भी संभव नहीं है. मानव संसाधन विकास मंत्रलय से निर्गत मान्य संस्थाओं की सूची में उक्त दोनों संस्थाओं का नाम नहीं है. निदेशक ने कहा है कि सेकेंड्री बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन के संबंध में उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने भी मान्यता को समर्थन नहीं दिया है. काफी मंथन के बाद सरकार ने माना है कि बोर्ड ऑफ हायर सेकेंड्री एजुकेशन एट दिल्ली एवं सेकेंड्री बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन की मान्यता सक्षम प्राधिकार से प्राप्त नहीं है.
— बैरगनिया में हैं कई शिक्षक
जिले के बैरगनिया प्रखंड में उक्त दोनों संस्थानों के प्रमाण पत्र के आधार पर करीब दर्जन भर शिक्षक नियोजित हैं. इन शिक्षकों के खिलाफ अपीलीय प्राधिकार, जिला शिक्षक नियोजन में वाद दायर किया गया था और नियोजन रद्द करने की मांग की गयी थी. सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद प्राधिकार ने अवैध प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित शिक्षकों के ही पक्ष में फैसला दिया था. उक्त फैसले पर डीइओ ने सरकार से मार्गदर्शन मांगा था.
— क्या कहते हैं डीपीओ
सरकार के पत्र के आलोक में उक्त दोनों संस्थानों के प्रमाणपत्रों के आधार पर नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया है. साथ ही नियोजन इकाइयों को कार्रवाई करने को कहा गया है.
रमेश चंद्रा, डीपीओ, स्थापना