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पेयजल के लिए ग्रामीणों ने जाम की सड़क
शेखपुरा : पिछले एक सप्ताह से ठप पेयजलापूर्ति बहाल कराने की मांग को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार को सड़क जाम कर जमकर हंगामा किया. सड़क जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतार लग गयी. इस दौरान दफ्तर, स्कूल और बाजार जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मौके पर आक्रोशित […]
शेखपुरा : पिछले एक सप्ताह से ठप पेयजलापूर्ति बहाल कराने की मांग को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार को सड़क जाम कर जमकर हंगामा किया. सड़क जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतार लग गयी. इस दौरान दफ्तर, स्कूल और बाजार जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
मौके पर आक्रोशित महिला, पुरुष और बच्चे बर्तन के साथ सड़क पर बैठ कर नारेबाजी करने लगे. आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि पेयजल की किल्लत से जीना मुहाल हो गया है. वार्ड छह के तरछा मोहल्ले के लोगों ने सड़क जाम कर पानी की किल्लत के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट किया. तरछा स्कूल के समीप लोगों ने बांस लगाकर सड़क मार्ग को अवरुद्ध किया और नारेबाजी की.
स्थानीय लोगों में मनोज मिस्त्री ने कहा कि जलापूर्ति व्यवस्था के बावजूद आये दिन पानी की आपूर्ति में प्रेसर कम होता है, जिसके कारण कई घरों को पानी नहीं मिल पाता. मौके पर शेखपुरा बीडीओ मंजुल मनोहर और नगर कर्मी रंजीत और कनीय अभियंता सौरभ कुमार पहुंचे. कर्मियों ने बताया कि शेखपुरा प्रखंड मुख्यालय के पंप हाउस के ओवरहेड टैंक की मोटर खुलकर तीन दिन पहले गिर गयी थी. मोटर की रिपेयरिंग करा ली गयी है. इसे शुक्रवार से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जायेगी.
पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों के लिए विभाग नहीं दिखा रहा दिलचस्पी
शेखपुरा. तेजी से गिरता जल स्तर लोगों की चिंता का करण बन रहा है. अरियरी प्रखंड की हजरतपुर मडरो पंचायत के लिए वार्डों का सीमांकन हर घर नल का जल के लिए बाधा बन रहा है.
पंचायत में तीन गांव ऐसे हैं, जहां फिलहाल जलसंकट की समस्या विकराल रूप धारण कर रहा है. चापाकल फेल होने की स्थिति में लोग फिलहाल सिंचाई नलकूप से पानी स्टॉक करने को विवश हैं. पंचायत में नल जल योजना के लिए दो स्तरीय व्यवस्था है.
पंचायत के चार वार्डों में योजना का काम ग्राम पंचायत के जिम्मे है. मुखिया प्रीति कुमारी ने बताया कि पंचायत क्रियान्वित होने वाली योजना का युद्ध स्तर पर काम चल रहा है, जबकि जिन वार्डों में पीएचइडी से काम होना है, वहां कोई काम शुरू नहीं हो सका है. इस संबंध में विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा सकी है.
वार्डों के सीमांकन में त्रुटि बता रहे ग्रामीण, एक ही वार्ड में हैं दो-तीन गांव
वार्डों के सीमांकन की स्थितियों पर अगर नजर डालें तो वार्ड छह में सुमरन टोला, लक्ष्मीपुर, बीघापर गांव हैं. दो गांवों की दूरी कम है. ऐसे में दोनों गांवों के बीच में बोरिंग करने की योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है, लेकिन सीमांकन के पेच में तीसरा गांव लक्ष्मीपुर छूट रहा है. इस गांव में पेयजल की समस्या भी लोगों की चिंता बढ़ा रही है.
इसी प्रकार वार्ड एक के अंतर्गत रौंदी और टाड़ापर गांव का अंश भाग शामिल है. दोनों गांवों में दूरी होने के कारण टाड़ा गांव का अंश भाग वंचित रहा है. वहीं वार्ड 12 की स्थिति भी गंभीर है. इस वार्ड में दो गांव क्रमशः मौलानगर और लालू बीघा है. यहां लालुबीघा गांव में पेयजल का अभाव लोगों की समस्या बढ़ा रहा है. पंचायत में मुख्यमंत्री हर घर नल जल योजना का हाल ठीक नहीं है.
पंचायत के वार्ड संख्या पांच, आठ, छह और 10 ग्राम पंचायत के अधीन हैं, जबकि वार्ड संख्या एक, दो, तीन, चार, सात, नौ, 10, 11 एवं 12 पीएचइडी के अधीन हैं. इन वार्डों में नल जल योजना के लिए कोई काम शुरू नहीं किया जा सका है. ऐसे में जलसंकट की समस्या झेल रहे उक्त वार्डों के लिए कोई तारणहार नहीं मिल रहा है.
लालू बीघा में घोर संकट :
जलसंकट झेल रहे लालू बीघा गांव के लोगों के बीच समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. स्थानीय ग्रामीणों में कपिल चौहान, कमलेश कुमार, मथुरा महेश प्रसाद ने बताया कि गांव में नौ चापाकल हैं, लेकिन मात्र एक चापाकल चालू है. रबी फसल पटवन के दौरान लोग अपने घरों में पानी स्टॉक कर सात से आठ दिनों तक अपना काम निबटा रहे हैं, जबकि बगल के करकी गांव में सरकारी चापाकलों में समरसेबल मोटर अवैध रूप से लगा दी गयी है.
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