एसपी के निर्देश पर दर्ज करायी गयी प्राथमिकी
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पुलिस ने ठगी के आरोपितों को छोड़ा ग्रामीणों ने एसपी कार्यालय को घेरा
एसपी के निर्देश पर दर्ज करायी गयी प्राथमिकी थानाध्यक्ष बोले, ग्रामीणों के साथ समझौते के बाद आरोपितों को छोड़ा शेखपुरा : विकलांग कोष नामक फर्जी संस्थान द्वारा के ठगी के शिकार सैकड़ों ग्रामीणों ने एसपी कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान ग्रामीणों ने ठगी के आरोपितों को टाउन थानाध्यक्ष द्वारा मंगलवार की देर शाम छोड़ […]
थानाध्यक्ष बोले, ग्रामीणों के साथ समझौते के बाद आरोपितों को छोड़ा
शेखपुरा : विकलांग कोष नामक फर्जी संस्थान द्वारा के ठगी के शिकार सैकड़ों ग्रामीणों ने एसपी कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान ग्रामीणों ने ठगी के आरोपितों को टाउन थानाध्यक्ष द्वारा मंगलवार की देर शाम छोड़ देने का आरोप लगाया़ आक्रोशित लोगों ने फर्जी संस्थान के संस्थापक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की़ इस मौके पर एसपी राजेंद्र कुमार भील को ज्ञापन भी सौंपा़ इस मौके पर मौजूद दर्जनों महिला-पुरुषों ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र की सनैया पंचायत स्थिति भोजडीह गांव में उक्त संस्थान के नाम पर एक विद्यालय खोला था.
इसमें शिक्षक, गार्ड, आवासीय शिक्षक, आवासीय लिपिक, सफाई कर्मी, रसोईया आदि की बहाली के साथ 30 छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया था़ इसके बाद फर्जी संस्थान के संस्थापक के द्वारा प्रति व्यक्ति 530 रुपये की वसूली की़ इसके बाद संस्थान के संस्थापक डॉ शंभू शर्मा ने लोगों को कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षा ली जायेगी, जिसके लिए 15000 रुपये ली जायेगी. इसके बाद नौकरी पक्की हो जायेगी़ इसके बाद संस्थान के संस्थापक व कार्यालय प्रभारी मनोज कुमार चौधरी गांव के ही एक ग्रामीण शिक्षक के ऊपर प्रभार सौंप कर राशि लेकर चंपत हो गया.
दर्जनों गांवों के लोगों को बनाया शिकार
ठगी के इस खेल में फर्जी संस्थान के लोगों ने जिले के लगभग एक दर्जन गांवों को अपना शिकार बनाया. अरियरी प्रखंड के भोजडीह, देवपुरी, सहनौरा, जेखौर, धनौल, सनैया, बेलछी, ताड़ापर, विसहिया, कोसुम्भा सहित दर्जनों गांव के महिला-पुरुष, विकलांग, छात्र-छात्राओं को फर्जी संस्थान के संस्थापक व कार्यालय प्रभारी के द्वारा उपर्युक्त संस्थान के नाम पर ठगी करने को लेकर लगभग दो महीने से जाल बिछाया जा रहा था. इस योजना के लिए प्रधान कार्यालय भोजडीह गांव में खोला गया था. स्थानीय लोगों को शिक्षक लिपिक गार्ड सहित कुल लगभग 50 लोगों को नौकरी का झांसा देकर प्रत्येक व्यक्ति से लाखों रुपये की वसूली की गयी.
12 लाख की निकासी के प्रयास का मामला पकड़ाया
बंदोबस्ती में खेल कर रहा नप
क्या कहते हैं अधिकारी
बंदोबस्ती की कार्यवाही के लिए कम से कम तीन लोगों द्वारा बोली लगाया जाना अनिवार्य है. लेकिन एक ही वक्ता के द्वारा बोली लगाने के बाद दो अन्य डाक वक्ता ने हाथ खड़े कर दिये. ऐसी परिस्थिति में नियमों के अनुकूल बंदोबस्ती की कार्यवाही स्थगित कर दिया गया. बंदोबस्ती नहीं होने की स्थिति में राजस्व का नुकसान न हो इसके लिए विभागीय वसूली कराया जा रहा है. अगर विभागीय वसूली में गड़बड़ी की शिकायत मिलेगी तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
सुनील कुमार, कार्यपालक अधिकारी, नगर पर्षद, शेखपुरा
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