शिवहर : धूप की तपिश व बढ़ती गर्मी से लोगों में निर्जलीकरण की स्थिति उत्पन्न होने लगी है. ग्रामीण क्षेत्र से मरीज सदर अस्पताल व प्राईवेट क्लीनिक की चक्कर लगाते देखे जा रहे हैं. सदर अस्पताल में भी करीब एक सप्ताह से निर्जलीकरण से संक्रमित मरीज भर्ती होने लगे हैं. कोई पेट दर्द से पीडि़त है. तो किसी को शौच न होने की समस्या है. कोई उल्टी की समस्या से जूझ रहा है. गंभीर हालत में मरीज सदर अस्पताल में भर्ती होने लगे हैं.
करीब तीन बजे जब प्रभात खबर की टीम अस्पताल में गयी तो कर्तव्य पर मौजूद एएनएम ने बताया कि प्रत्येक दिन करीब दो से चार निर्जलीकरण से पीडि़त मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. शिवहर वार्ड चार की उषा देवी पेट दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती थी. जबकि विसुनपुर निवासी आशा देवी डायरिया से पीडि़त थी. कोलसो मोतनाजे के जितू पासवान का पैखाना-पेशाब रुक गया था. इस तरह की कई गरमी जनित बीमारियों से पीडि़त मरीज अस्पताल में भर्ती पाये गये. एएनएम ने बताया कि आरएस, एनएस, डीएनएस अस्पताल में मौजूद है. मैट्रोन दवा के बारे में कहा कि फिलहाल उपलब्ध नहीं है. हालांकि आगे कुछ भी बताने से वह परहेज करती रही. यहां तक कि अपना नाम बताने से भी कतराती रही.
इस संबंध में पूछ जाने पर कर्तव्य पर मौजूद चिकित्सक डॉ दिनेश प्रसाद ने दवा के उपलब्धता के बाबत पूछ जाने पर कहा कि उनका काम दवा लिखना है. दवा अस्पताल में उपलब्ध है या बाहर से लाना है यह मरीज की समस्या है. आगे कुछ भी बताने से वे परहेज करते रहे.
अस्पताल प्रबंधक ने कहा कि इस संबंध ने एएनएम ही कुछ बता सकती है. इस तरह लोग अपनी जिम्मेवारी को एक दूसरे पर थोपते नजर आये. उक्त कर्मियों के बातचीत से लगा कि प्रबंधक व सिविल सर्जन के बीच कही न कही खटास की स्थिति है. हालांकि सिविल सर्जन बिसंभर ठाकुर ने कहा कि मैट्रोन समेत डायरिया की सारी दवा अस्पताल में उपलब्ध है.
सिविल सर्जन को जैसे ही सूचना मिली की मैट्रोन उपलब्ध नहीं होने बात कही जा रही है. उन्होंने दूरभाष पर अस्पताल प्रबंधक से पूछताछ की. उसके बाद सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पताल में भी मैट्रोन उपलब्ध है. इधर प्राईवेट क्लीनिक में भी लोग इलाज करा रहे हैं.
ज्यादा परेशानी बच्चों को
गरमी बच्चों को अधिक परेशान कर रही है. ग्रामीणों की माने तो बच्चे गरमी के कारण निर्जलीकरण के शिकार हो रहे हैं. डुमरी कटसरी प्रखंड के लालगढ़ निवासी गिरीश नंदन सिंह बच्ची को करीब गांव से 20 किलोमीटर की दूरी तय कर शिवहर इलाज कराने आये थे. टेंपो पकड़ने स्टेंड जा रहे हैं. धूप की तपिश के बीच पैदल चलना मुश्किल हो रहा था. इधर हरनहिया के राम भरोस साह भी बच्चे का इलाज प्राइवेट क्लीनिक में करा कर लौट रहे थे. उन्होंने धूप से बचाव के लिए छाता का सहारा ले रखा था.
इधर नगर में ठंडा पेय पदार्थ, गन्ना के रस की दुकानों व सिकंजी की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गयी. धूप की तपिश के बचने के लिए जीरो माइल चौक पर बस के इंतजार कर रहे लोग पटेल टावर के नीचे छांव तलाशते व वहां विश्राम करते नजर आये. धूप के कारण सुबह 11 बजे के बाद से ही सड़क पर चहल-पहल कम हो जा रही है.