दुखद. भतीजे की मौत के सदमे में चाचा की भी गयी जान
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ताड़ी उतारने गये युवक की मौत
दुखद. भतीजे की मौत के सदमे में चाचा की भी गयी जान बनियापुर/छपरा : ताड़ी उतारने पेड़ पर चढ़े युवक की मौत पेड़ से गिर कर हो गयी. युवक के मौत का सदमा उसके चाचा बरदाश्त नहीं कर पाये और उनकी भी मौत हार्ट अटैक से हो गयी. घटना शनिवार को सहाजितपुर थाना क्षेत्र के […]
बनियापुर/छपरा : ताड़ी उतारने पेड़ पर चढ़े युवक की मौत पेड़ से गिर कर हो गयी. युवक के मौत का सदमा उसके चाचा बरदाश्त नहीं कर पाये और उनकी भी मौत हार्ट अटैक से हो गयी. घटना शनिवार को सहाजितपुर थाना क्षेत्र के हाफिजपुर दलित बस्ती में हुई. घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि तीस वर्षीय गिरधारी राम घर के निकट ही तार के पेड़ पर ताड़ी उतारने चढ़ा था. अचानक पैर फिसलने से वह पेड़ से गिर गया और घटनास्थल पर ही वह अचेत हो गया था. आसपास के लोगों ने उसे इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बनियापुर लाया.
जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया. मौत की पुष्टि होने पर परिजन युवक के शव को वापस घर ले गये. इधर, मृत भतीजे को देखने पहुंचे 68 वर्षीय चाचा रामलाल राम की तबियत भी अचानक बिगड़ गयी. परिजन कुछ समझ पाते तबतक वृद्ध चाचा ने भी दम तोड़ दिया. बताया जता है कि वृद्ध कई दिनों से बीमार चल रहा था. अचानक हुए इस हृदय विदारक घटना के बाद परिजनों, बच्चे तथा महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल बना है. घटना की सूचना पर पहुंचे स्थानीय मुखिया प्रतिनिधी मुन्ना सिंह तथा सरपंच पंचानंद गिरि ने मौके पर पहुंच परिजनों को ढांढस बंधाया तथा तत्काल कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि उपलब्ध करायी.
अफरा-तफरी का माहौल हुआ कायम : एक घंटे के अंतराल पर एक ही परिवार के दो लोगों की असमायिक मृत्यु की सूचना पर पुरे गांव में तेजी से फैली एवं गांव में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया.जिसने भी सुना मृतक के दरवाजे पर पहुंच घटना की बाबत जानकारी ली. पेड़ से गिर कर गिरधारी की मौत के बाद उसकी पत्नी सुगांति देवी बेसुध हो गयी है.वह बार-बार अपने पति के शव तथा मासूम तीन बच्चों को देख पछाड़े खाकर गिर जा रही है.
परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य पति को खोकर वह छह वर्षीय प्रिंस, चार वर्षीय पियूश तथा एक वर्षीय खुश्बू की परवरिश कैसे करेगी. गरीबी से जूझते हुए उसका पति परिवार के लिए दो जून की रोटी इकट्ठा करने में दिन रात लगा रहता था. अब परिवार के निवाले की व्यवस्था कौन करेगा, सुगांति के लिए यह एक यक्ष प्रश्न बना है. हालांकि सुगांति के देवर मिथिलेश परिवार को सहारा देने का आश्वासन देकर फिलवक्त सुगांति को शांत कराने में जुटा है.
इधर, वृद्ध चाचा की पत्नी मनोहरी देवी के चीत्कार को देख लोगो की आंखे नम हो जा रही है. मालूम हो कि मृतक गिरिधारी राम परोस के तिलकोत्सव में पूरे परिवार के साथ शामिल होने के लिए बच्चों से वादा भी किया था परंतु नियती को शायद यह मंजूर नही थी.
सहाजितपुर थाना क्षेत्र की हाफिजपुर दलित बस्ती की घटना
परिजनों में मचा कोहराम
घटना के बाद परिजनों के चित्कार से मोहल्ले सहित पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. परिजनों के चित्कार से उत्पन्न कारूणिक दृश्य को देख उपस्थित लोग सांत्वना देने का न तो साहस जुटा पा रहे थे न ही सांत्वना के शब्द थे. इसे संयोग कहे या दुर्भाग्य जब परिजनो एवं ग्रामिणो को एक साथ दो-दो चिताए सजा दो शव जलाना पड़ा. उत्पन्न हृदय विदारक दृश्य देख पत्थर दिल भी पिघल जाये.
मगर नियति को शायद यही मंजूर था.
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