छपरा (कोर्ट) : एक युवक की हत्या कर उसके शव को शौचालय की टंकी में दफन कर दिये जाने के मामले में बनाये गये आरोपित को कोर्ट ने सश्रम कारावास व अर्थदंड की सजा सुनायी है. वहीं तीन अन्य आरोपितों को सदेह का लाभ देते हुए बरी किये जाने का आदेश दिया है.
शुक्रवार को एडीजे दशम वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने रसूलपुर थाना कांड संख्या 60/11 के सत्रवाद 786/11 के आरोपित रसूलपुर निवासी पवन तिवारी को भादवि की धारा 302 के तहत सश्रम आजीवन कारावास व 5000 अर्थदंड जिसे नहीं देने पर दो वर्ष अतिरिक्त की सजा तथा भादवि की धारा 201 के तहत 5 वर्ष सश्रम व तीन हजार अर्थदंड जिसे नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा का आदेश दिया है. कोर्ट ने मूल सजा साथ-साथ चलने की बात कहीं है. वहीं अन्य तीन आरोपित राघव शरण तिवारी, उनकी पत्नी बुचुन देवी ओर पूर्व वार्ड पार्षद सरोज देवी को संदेह का लाभ देते हुए बरी किये जाने का आदेश दिया है.
ज्ञात हो कि रसूलपुर निवासी रामसुद्दीन सोनी के पुत्र बिंदालाल सोनी को पवन ने 10 जून 2011 को उसके दुकान पर से असहनी गांव को जाने के लिए बुलाकर ले गया, जब संध्या तक वह वापस नहीं आया तो उसके पिता ने पवन से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह बिंदालाल को असहनी से वापस ला मछली हट्टा में छोड़ दिया था. इस संबंध में बिंदा के पिता ने अगले दिन पवन को अभियुक्त बनाते हुए थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ज्ञात हो कि कुछ समय बाद बिंदा का नरकंकाल पवन की शौचालय के टंकी में मिलने की बात सामने आयी थी. इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से वीरेश कुमार चौबे ने बहस किया था.