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बनेंगे तीन नये प्लेटफाॅर्म

तैयारी. जंकशन पर प्लेटफाॅर्म की कमी से लेट होती हैं ट्रेनें प्लेटफॉर्म के अभाव में नहीं बाधित होगा ट्रेनों का परिचालन आउटर सिग्नल पर नहीं खड़ी होंगी ट्रेनें प्रतिदिन 40 हजार से अधिक यात्री छपरा से करते हैं सफर छपरा जंकशन पर तीन नये प्लेटफॉर्म के निर्माण की म‍ंजूरी मिल गयी है. पांच प्लेटफॉर्म पर […]

तैयारी. जंकशन पर प्लेटफाॅर्म की कमी से लेट होती हैं ट्रेनें

प्लेटफॉर्म के अभाव में नहीं बाधित होगा ट्रेनों का परिचालन
आउटर सिग्नल पर नहीं खड़ी होंगी ट्रेनें
प्रतिदिन 40 हजार से अधिक यात्री छपरा से करते हैं सफर
छपरा जंकशन पर तीन नये प्लेटफॉर्म के निर्माण की म‍ंजूरी मिल गयी है. पांच प्लेटफॉर्म पर प्रतिदिन 70 जोड़ी ट्रेनों के आवागमन का दबाव अब थोड़ा कम होगा.
छपरा (सारण) : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंकशन पर अब प्लेटफाॅर्म की कमी के कारण ट्रेनें लेट नहीं होगी. जंकशन पर तीन नये प्लेटफाॅर्म का निर्माण कराने को मंजूरी मिल गयी है. इसके लिए टेंडर करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण प्रारंभ किये जाने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन होने के बावजूद यहां मात्र पांच प्लेटफार्म है.
यहां से प्रतिदिन 70 जोड़ी ट्रेनों का आवागमन होता है. यहां से करीब एक दर्जन ट्रेनें ओरिजनेट भी करती हैं. प्लेटफाॅर्म की कमी के कारण सबसे बड़ी बाधा समय पालन में उत्पन्न हो रही है. संरक्षा नियमों का पालन भी प्रभावित हो रहा है. रात के समय यात्री ट्रेनों को आउटर सिगनल पर खड़ा किये जाने से यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरा बना रहता है.
प्लेटफॉर्म की कमी से समय पालन में बाधा : छपरा जंकशन पर प्लेटफार्म की संख्या कम रहने के कारण ट्रेनों की परिचालन में समय पालन नहीं हो पा रहा है. खासकर छपरा-बलिया तथा छपरा-सिवान रेलखंड पर डाउन साइड की पैसेंजर ट्रेनों को घंटों आउटर सिगनल पर रोककर रखा जाता है. यहीं नहीं अप साइड से आने वाली वैसी ट्रेनों को छपरा ग्रामीण स्टेशन पर घंटों रोका जाता है, जो छपरा जंकशन पर आकर पुन: वापस लौटने वाली रहती हैं.
रात के समय छपरा-बलिया रेलखंड पर डाउन साइड से आने वाली सारनाथ एक्सप्रेस, ताप्ती गंगा एक्सप्रेस, इंटरसिटी ट्रेनों को गौतम स्थान तथा बकुल्हा स्टेशनों पर चार-चार घंटे तक रोककर रखा जाता है. गौतम स्थान से छपरा की दूरी महज दस किलोमीटर है. दूर-दराज से आने वाले यात्री सभी जगह समय से पहुंचते हैं, लेकिन गंतव्य से महज दस किलोमीटर दूर उन्हें चार घंटे तक इंतजार करना पड़ता है.
आस पास के स्टेशनों पर रोकी जाती हैं ट्रेनें : प्लेटफाॅर्म की कमी के कारण आय दिन यात्रियों के द्वारा छपरा जंकशन तथा आस पास के स्टेशनों पर हंगामा किया जाता है. खासकर छपरा-बलिया रेलखंड के गौतम स्थान और छपरा-सिवान रेलखंड के टेकनिवास स्टेशनों पर हंगामा होना आम बात है.
गौतम स्थान स्टेशन पर सबसे अधिक हंगामा डाउन सारनाथ, डाउन पैसेंजर, डाउन इंटरसिटी और ताप्ती गंगा एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों के यात्री प्राय: हंगामा करते हैं. हंगामा का कारण गौतम स्थान स्टेशन पर डाउन साइड की ट्रेनों को तीन-चार घंटे तक रोककर रखना बताया जाता है. इस वजह से हमेशा विधि व्यवस्था की समस्या बनी रहती है.
छपरा जंकशन से होकर प्रतिदिन गुजरती हैं 70 जोड़ी ट्रेनें
क्या कहते हैं अधिकारी
यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए छपरा जंकशन पर तीन नये प्लेटफाॅर्म का निर्माण कराने की योजना को मंजूरी मिल गयी है. इस कार्य को प्रारंभ करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
अशोक कुमार, रेलवे जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी मंडल, पूर्वोत्तर रेलवे

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