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दीघा-पहलेजा रेल पुल : यात्रियों के लिए बड़ा विकल्प

ट्रेनों पर लाद कर पुल से पार करवाये जाते हैं लोडेड ट्रक गांधी सेतु पर प्रशासन द्वारा छह चक्के से ज्यादा चक्का वाले वाहनों के गुजरने पर रोक लगाये जाने के बाद से रेल मंत्रालय की पहल पर रोल ऑन रोल ऑफ सेवा के तहत मालगाड़ी से लोड ट्रक को दीघा पहलेजा पुल से पार […]

ट्रेनों पर लाद कर पुल से पार करवाये जाते हैं लोडेड ट्रक

गांधी सेतु पर प्रशासन द्वारा छह चक्के से ज्यादा चक्का वाले वाहनों के गुजरने पर रोक लगाये जाने के बाद से रेल मंत्रालय की पहल पर रोल ऑन रोल ऑफ सेवा के तहत मालगाड़ी से लोड ट्रक को दीघा पहलेजा पुल से पार करवाया जाता है और ये ट्रेनें बिहटा से तुर्की तक दो फेरों में चलती हैं. बाद में फिर लोड ट्रक ट्रेन से अनलोड होकर अपने गंतव्यों की ओर रवाना होते हैं. इन ट्रकों पर बालू, गिट्टी, छड़ व खाद्यान के अलावा अन्य सामान को गंगा पार करवाया जाता है.
सोनपुर : पूर्व मध्य रेलवे के अधीन पड़ने वाला गंगा नदी पर बना दीघा-पहलेजा रेल पुल भी यात्रियों के लिए राजधानी तक पहुंचने का बड़ा विकल्प बन गया है. अगर पुल का विधिवत उद्घाटन बीते 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नहीं हुआ होता, तो न जाने मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, दरभंगा,
सुपौल, मधुबनी समेत कई जिलों के यात्रियों के अलावा पूर्वी यूपी के यात्रियों को राज्य की राजधानी तक पहुंचने में बराबर महाजाम से दो-चार होना पड़ता. मगर, अब तो दीघा पहलेजा पुल पर चलनेवाली यात्री ट्रेनों के सहारे उत्तर व दक्षिण बिहार के हजारों यात्री प्रतिदिन बिना गांधी पुल से गुजरे अपने गंतव्यों तक कम समय में पहुंच जाते हैं. रक्सौल व मुजफ्फरपुर से चलनेवाली पैसेंजर ट्रेन यात्रियों को राहत प्रदान कर रही है.
जुगाड़ पुल दिला रहा है जाम से मुक्ति,यात्रियों को मिल रही है राहत
दिघवारा के सामने गंगा नदी पर दियारावासियों के सहयोग से लगातार तीसरे साल भी जुगाड़ पुल बनाया गया है, जो पिछले कई महीनों से सारण, सीवान,गोपालगंज व मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों के लोगों के लिए पटना पहुंचने का सर्वोत्तम विकल्प बना है.भले ही यह डगर आसान नहीं है, मगर उबड़-खाबड़ वाला यह रास्ता प्रतिदिन हजारों यात्रियों को घंटे भर में दिघवारा से पटना पहुंचा देता है, जहां से यात्री पटना से समीपवर्ती जिलों तक आसानी से पहुंच जाते हैं.
इस जुगाड़ पुल के रास्ते सफर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस रास्ते से यात्रा करने में यात्रियों के समय, इंधन व शारीरिक ऊर्जा की बचत होने के साथ साथ गांधी सेतु के महाजाम से मुक्ति भी मिलती है. जुगाड पुल के सहारे यात्री बिना गांधी सेतु के जाम में फंसे पटना व अन्य जिलों तक आसानी से पहुंच जाते हैं.
जुगाड़ पुल से मिलने वाला लाभ
सारण, सीवान व गोपालगंज के अलावा पूर्वी यूपी से लोग चरपहिया वाहन व बाइकों पर सवार होकर इस पुल के सहारे कम समय में राजधानी व उनके समीपवर्ती जिलों में पहुंच जाते हैं.
कम समय में मरीज पहुंच जाते हैं राजधानी
इसी रास्ते से व्यापारी लाते हैं पिकअप व अन्य वाहनों से माल
इसी रास्ते से ट्रेन पकड़ने,सरकारी व प्राइवेट ड्यूटी करने और परीक्षा देने जाते हैं लोग
मनेर और कोईलवर से बड़ी मात्रा में जिले में प्रतिदिन आता है सैकड़ों ट्रैक्टर बालू
समय, ईंधन व शारीरिक ऊर्जा की बचत तथा जाम से मुक्ति
पुल से गुजरने वाली गाड़ियां- कार, जीप, कमांडर, टेंपो व अन्य छोटे वाहन समेत बाइक
दीघा-पहलेजा रेल पुल से फायदे
पुल के शुरू हो जाने से गांधी सेतु पर वाहनों व यात्रियों के दबाब में काफी कमी
ट्रेन चलने से उत्तर बिहार का दक्षिण बिहार के जिलों से संपर्क बढ़ा
ट्रेन से माल लदे ट्रक की ढुलाई हुई संभव
यात्रियों को सड़क पुल के जाम से मिली मुक्ति
क्या कहते हैं रेलवे के अधिकारी
रेलवे द्वारा रोल ऑन रोल ऑफ सेवा के तहत बिहटा से तुर्की तक एक माल ट्रेन सेवा शुरू की गयी है, जिसके एक रेक पर 30 से 40 ट्रक को ढोया जाता है.अभी एक ही रेक अप व डाउन होता है. मांग बढ़ी, तो रेक के बढ़ाने पर विचार किया जायेगा. अभी खाली ट्रक का लगभग तीन हजार व लोडेड ट्रक का पांच से छह हजार भाड़ा लगता है.
दिलीप कुमार, सीनियर डीसीएम, सोनपुर,सारण

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