छपरा (सारण) : सदर प्रखंड की पूर्वी तेलपा पंचायत के मुखिया शिव कुमार सिंह का नामांकन पत्र रद्द किये जाने को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी ने जायज ठहराया है. डीएम ने इस आशय का पत्र राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा है. आयोग को भेजे पत्र में कहा गया है कि प्रत्याशी श्री सिंह ने आरक्षण का गलत लाभ उठाने के लिए दांगी जाति का प्रमाणपत्र तत्काल सेवा में शपथपत्र के आधार पर प्राप्त कर लिया था,
जिसे जांचोपरांत रद्द कर दिया गया. प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी ने जाति प्रमाणपत्र रद्द होने के आधार पर नामांकन रद्द किया गया है. नामांकन पत्र रद्द करने को डीएम ने नियमानुकूल बताया है.
क्या है मामला : सदर प्रखंड के मौना तथा पूर्वी तेलपा के मुखिया पद के प्रत्याशियों ने दांगी जाति के होने के आधार पर नामांकन दाखिल किया था. दोनों प्रत्याशियों समेत सैकड़ों वैसे लोगों के जाति प्रमाणपत्र को डीएम ने रद्द कर दिया है, जिन्होंने दांगी जाति का प्रमाणपत्र लिया था. जाति प्रमाणपत्र रद्द किये जाने के बाद दोनों प्रत्याशियों का नामांकन सदर प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी ने रद्द किया. इसके खिलाफ प्रत्याशियों ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी,
लेकिन वहां से प्रत्याशियों को राहत नहीं मिली, जिसके बाद यह मामला पटना हाइकोर्ट पहुंचा. पटना हाइकोर्ट ने भी कोई राहत नहीं दी है और दोनों मामलों का निष्पादन कर दिया.
सीओ पर लगे थे आरोप: नामांकन पत्र रद्द करने के खिलाफ दांगी संघ की ओर से सदर अंचल पदाधिकारी विजय कुमार सिंह के खिलाफ धरना दिया गया था और जाति प्रमाणपत्र रद्द करने को गलत ठहराया गया था. लेकिन पटना हाइकोर्ट का आदेश आने के बाद सदर अंचल पदाधिकारी की कार्रवाई को सरकार और प्रशासन ने सही माना है. इसके साथ ही दांगी जाति के प्रमाणपत्र रद्द करने को लेकर चल रहे विवाद पर विराम लग गया है.
निर्वाचन आयोग को भेजी रिपोर्ट
हाइकोर्ट ने भी किया खारिज
शिवकुमार सिंह द्वारा पटना हाइकोर्ट में दाखिल सीडब्ल्यूजेसी संख्या 7142/2016 को खारिज कर दिया गया है. न्यायमूर्ति ज्योति शरण ने मामले में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद शिव कुमार सिंह के दावों को खारिज कर दिया तथा मुकदमे के निष्पादन का आदेश पारित किया. इसी तरह गिरजा देवी द्वारा दायर सीडब्ल्यूजेसी नंबर 7875/2016 काे न्यायमूर्ति ज्योति शरण ने निष्पादित कर दिया है और याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं दी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
दांगी जाति के प्रमाणपत्र रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका को उच्च न्यायालय ने निष्पादित कर दिया है और याचिकाकर्ताओं को कोई राहत नहीं दी है. लेकिन कुछ लोगों द्वारा भ्रामक प्रचार कर दांगी जाति का प्रमाणपत्र दिलाने का झांसा देकर चंदा वसूली कर रहे हैं.
विजय कुमार सिंह, अंचल पदाधिकारी,
सदर, छपरा