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सुरक्षा के नाम पर जेपी विवि में हो रहा है राशि का घोटाला

सुरक्षा के नाम पर जेपी विवि में हो रहा है राशि का घोटाला मामला निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के समक्ष पहुंचासंवाददाता4छपरा (सारण) जयप्रकाश विश्वविद्यालय में सुरक्षा के नाम पर सरकारी राशि का घपला किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. यह मामला निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के समक्ष जांच के लिए पहुंचा है. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा […]

सुरक्षा के नाम पर जेपी विवि में हो रहा है राशि का घोटाला मामला निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के समक्ष पहुंचासंवाददाता4छपरा (सारण) जयप्रकाश विश्वविद्यालय में सुरक्षा के नाम पर सरकारी राशि का घपला किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. यह मामला निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के समक्ष जांच के लिए पहुंचा है. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अनुबंधित सुरक्षा एजेंसी एसआइएस के द्वारा प्रतिवर्ष लाखों रुपये का घोटाला किया जा रहा है. सुरक्षा के नाम पर सरकारी रुपये की बंदरबांट किये जाने में विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किये गये एकरारनामा के अनुरूप सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं किये जाते हैं और विपत्र जितने सुरक्षाकर्मियों का बनाया जाता है, उसके अनुरूप सुरक्षाकर्मी काम नहीं करते. क्या है मामला : जेपीविवि की सुरक्षा के लिए 31 सुरक्षा गार्ड, 11 सुपर वाइजर तथा छह गनमैन तैनात करने हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बहाल सुरक्षा एजेंसी एसआइएस के द्वारा वार सुपरवाइजर, 11 सुरक्षा गार्ड और छह गनमैन को ही ड्यूटी पर लगाया जाता है और फर्जी तरीके से 31 सुरक्षा गार्ड, 11 सुपरवाइजर और छह गनमैन का विपत्र बना कर राशि का भुगतान लिया जा रहा है. इस तरह प्रत्येक माह सात सुपरवाइजर तथा 17 गार्ड का वेतन बिना काम कराये फर्जी तरीके से भुगतान लिया जा रहा है. सुरक्षाकर्मी ने ही की शिकायत : सेवानिवृत्त सैनिक अवतार नगर थाना क्षेत्र के भरहापुर निवासी नंदकिशोर सिंह एसआइएस सुरक्षा कंपनी में कार्यरत हैं और उन्होंने ही निगरानी में इसकी शिकायत की है. अपनी ईमानदारी और देश की संपत्ति की रक्षा के प्रति समर्पित नंदकिशोर सिंह द्वारा जब इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से की गयी तो, कंपनी ने उन्हें काम से हटा दिया और जब इसका उन्होंने विरोध किया तो, कंपनी के संचालक उसकी पेंशन बंद करने की धमकी देने लगे. पूर्व सैनिक के बदले कार्यरत है अप्रशिक्षित गार्ड : जेपीविवि प्रशासन ने एसआइएस कंपनी से एग्रीमेंट किया है कि सुरक्षा कार्य में पूर्व सैनिक तैनात किये जायेंगे. परंतु कंपनी के द्वारा पूर्व सैनिक के बदले अप्रशिक्षित कर्मियों से सुरक्षा का कार्य कराया जा रहा है. कार्यरत कर्मियों को सुरक्षा कार्य करने का कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है. इतना ही नहीं विश्वविद्यालय में हंगामा, तोड़-फोड़ की घटना होने पर सबसे पहले सुरक्षाकर्मी ही भाग जाते हैं. यही वजह है कि कई बार विश्वविद्यालय परिसर में पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों की पिटाई भी हो चुकी है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को भेजे गये शिकायत पत्र में यह भी कहा गया है कि सुरक्षा गार्ड में तैनात कर्मियों से 365 दिन ड्यूटी ली जा रही है. उन्हें अवकाश भी नहीं दिया जा रहा है.खास बातेंप्रति माह एक सुपरवाइजर को 11 हजार नौ रुपये भुगतान विश्वविद्यालय करता है.कुल 11 सुपरवाइजर के वेतन का भुगतान हो रहा है.11 सुपरवाइजर की जगह चार सुपरवाइजर ही कार्यरत हैं.प्रति माह सात सुपरवाइजरों के वेतन का हो रहा है घपला. 31 गार्ड के बदले 11 गार्ड कार्यरत हैं.प्रति माह 20 गार्डों के वेतन का घपला हो रहा है.

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