सत्कर्म व परमार्थ का नाम है यज्ञ 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ बाबा सुशील चंद्र शर्मा ने भक्तों दिया ज्ञाननोट: फोटो नंबर 27 सी.एच.पी 10 है कैप्सन होगा- यज्ञ में हवन करते श्रद्धालु संवाददाता, छपरा (कोर्ट)मनुष्य जीवन अनमोल है और अनमोल वस्तु को सदा संभाल कर रखना चाहिए. इससे उसका महत्व बढ़ता जाता है. उक्त प्रवचन समलेपुर स्थित पुलिस क्लब मैदान में हो रहे 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में प्रवचन के लिए आये हरिद्वार के शांति कुंज से आये बाबा सुशील चंद्र शर्मा ने उपस्थित भक्तों को कहा. उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि यज्ञ परमार्थ एवं सत्कर्म का नाम है. मनुष्यों द्वारा किये गये श्रेष्ठ कर्म को ही यज्ञ कहा जाता है. यज्ञ में किये गये हवन से उठनेवाले धुएं का बादल जिधर से भी गुजरता है, उन स्थानों को पवित्र करता जाता है और अंत में पानी बन कर मनुष्य व सभी जीव जंतु पेड़-पौधों को जीवन व आनंद प्रदान करते है. बाबा ने कहा कि जहां भी यज्ञ होते हैं, वहां के वातावरण की सफाई तथा जहां-जहां तक वेद मंत्र की आवाज जाती है, वहां तक की शुद्धि हो जाती है. रविवार की सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक हवन का कार्यक्रम हुआ, जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिलाओं, पुरुषों व बच्चों ने हवन में हिस्सा लिया. इसी दौरान 10 भक्तों ने बाबा से दीक्षा प्राप्त कर उन्हें अपना गुरु बनाया. एक जनवरी को समाप्त होनेवाले 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को सफल बनाने में गायत्री मंदिर के पुजारी बजरंगी बाबा, मंदिर के अध्यक्ष धर्मनाथ सिंह, मुख्य पार्षदपति शशि गुप्ता व विश्वनाथ बैठा दिन रात एक किये हुए हैं.
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सत्कर्म व परमार्थ का नाम है यज्ञ
सत्कर्म व परमार्थ का नाम है यज्ञ 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ बाबा सुशील चंद्र शर्मा ने भक्तों दिया ज्ञाननोट: फोटो नंबर 27 सी.एच.पी 10 है कैप्सन होगा- यज्ञ में हवन करते श्रद्धालु संवाददाता, छपरा (कोर्ट)मनुष्य जीवन अनमोल है और अनमोल वस्तु को सदा संभाल कर रखना चाहिए. इससे उसका महत्व बढ़ता जाता है. उक्त प्रवचन […]
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