छपरा : पिछले कुछ दशकों से जीर्णोद्धार की बाट जोह रहे छपरा के शिल्पी पोखरा के जीर्णोद्धार कार्य की शुरुआत हो गयी है. यह ऐतिहासिक पोखरा पिछले दो दशक से अतिक्रमण का शिकार था. वहीं पोखरे का पूरा भाग कूड़े करकट से भरकर समतल हो गया था. अब जिला प्रशासन ने इसे जीवंत करने के लिए प्रयास करना शुरू किया हैं.
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फिर से गुलजार होगा शहर का शिल्पी पोखरा
छपरा : पिछले कुछ दशकों से जीर्णोद्धार की बाट जोह रहे छपरा के शिल्पी पोखरा के जीर्णोद्धार कार्य की शुरुआत हो गयी है. यह ऐतिहासिक पोखरा पिछले दो दशक से अतिक्रमण का शिकार था. वहीं पोखरे का पूरा भाग कूड़े करकट से भरकर समतल हो गया था. अब जिला प्रशासन ने इसे जीवंत करने के […]
जल्द ही इस पोखरे को नये सिरे से जीर्णोद्धार कर आम लोगों के लिए उपलब्ध करा दिया जायेगा. कुछ ही महीनों में इसे फिर से पुराने रूप में लाया जायेगा. इसके लिए बुडको को काम दिया गया है. ऐसे में लोगों को इंतजार है कि अस्तित्व खो चुके पुराने पोखरे को विकसित कर इसे फिर से सुविधा संपन्न बनाया जायेगा.
जल संरक्षण अभियान के तहत हो रहा है जीर्णोद्धार : जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के तहत जल संरक्षण को लेकर शहर के विभिन्न पोखरों व तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाना है. इसकी शुरुआत हो चुकी है. शिल्पी पोखरा भी इन्हीं में से एक है. इसके तहत पोखरे को गहरा कर उसमें जल संचय किया जायेगा.
इसके अलावा चारों तरफ 10 फुट का मेड़ बनाकर पौधारोपण किया जायेगा. विदित हो कि शहर के कई पुराने व ऐतिहासिक तालाब मेंटेनेंस के अभाव में अपना अस्तित्व खो रहें है. शहर का ऐसा कोई भी तालाब नहीं है जहां आज रख-रखाव के प्रति जागरूकता दिखती हो. पूराने व अस्तित्व खो चुके पोखरों को फिर से जीवित करने की दिशा में जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है.
अतिक्रमणकारियों पर की जा रही है कार्रवाई, जल्द ही नये स्वरूप में दिखेगा ऐतिहासिक शिल्पी पोखरा
इन पोखरों का भी होगा जीर्णोद्धार
जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के तहत छपरा शहरी क्षेत्र के सभी पोखरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण किया जायेगा. इसके तहत शिल्पी पोखरा के अलावा रौजा पोखरा, जजेज पोखरा, जटही पोखरा, गवर्धनदास पोखरा समेत तमाम पोखरों का जीर्णोद्धार किया जाना है. कुछ पोखरे के लिए बुडको तो कुछ को निगम को जिम्मेदारी दी गयी है.
अवैध कब्जे से कराया गया मुक्त
काम शुरू करने से पहले इस पोखरे को अतिक्रमण मुक्त भी कराया गया. कुछ ही दिनों पहले नगर निगम ने इस पोखरे से अवैध अतिक्रमण हटाने का काम किया गया है. छपरा नगर निगम को ही इसके लिए जिम्मेदारी दी गयी है.
छठ बाद तक सभी अतिक्रमण हटवा देना था. इसके बाद जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के तहत इस तालाब का जीर्णोद्धार शुरू हो गया. यहीं नहीं कुछ महीने पूर्व डीएम और निगम के अधिकारियों ने पोखरे का निरीक्षण किया था और जीर्णोद्धार करने के लिए निर्देश भी दिया था.
कभी साफ पानी के लिए जाना जाता था शिल्पी पोखरा
शहर के बीचों-बीच स्थित सलेमपुर में बना यह पोखरा काफी पुराना है. यहां का पानी इतना मीठा था कि लोग इसका इस्तेमाल घर में खाना बनाने के कार्य में करते थे. यही नहीं आसपास के हजारों घर व परिवार इसी पोखरे से पानी व अन्य कार्यों का काम चलाते थे.
लेकिन धीरे-धीरे प्रशासन की उदासीनता की वजह से यह अस्तित्व विहीन होता चला गया. पहले लोगों ने इस पर अतिक्रमण व अवैध कब्जा किया. फिर आसपास के लोगों ने इसमें कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया. इसके बाद से शिल्पी पोखरा में कूड़े का अंबार लगने लगा. धीरे-धीरे इसका पानी भी सूख गया.
30 लाख रुपये में हुआ है टेंडर
लोगों के शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने इसे फिर से पुराने रूप में लाने के लिए पहल की. बुडको द्वारा इसके जीर्णोद्धार के लिए 30 लाख का टेंडर भी कर दिया गया है. यही नहीं दो माह के अंदर इस तालाब का जीर्णोद्धार कार्य को पूरा कर लिया जायेगा.
साथ ही इसके सौंदर्यीकरण का काम भी किया जायेगा. इस पोखरे के जीर्णोद्धार से इस इलाके के आसपास के लोगों को काफी राहत मिलेगी. साथ ही कचरे के ढेर से भी राहत होगी. जीर्णोद्धार के बाद इस इलाके की रौनक भी बढ़ जायेगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के अंतर्गत शिल्पी पोखरा को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. अब इस पोखरे का नये सिरे से जीर्णोद्धार होगा. पंकज कुमार, सीओ, छपरा सदर
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